नगर पंचायत घनसाली में बन रहा 1.92 करोड़ की लागत से तीन मंजिला पार्किंग, जल्द मिलेगी जाम से निजात।

उत्तराखंड घनसाली टिहरी गढ़वाल ब्रेकिंग न्यूज

रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल, घनसाली

घनसाली:- चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव नगर पंचायत घनसाली को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए घनसाली बाजार में करोड़ों की लागत से तीन मंजिला पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। पार्किंग का आधा से अधिक कार्य पूरा भी हो चुका है। आने वाले यात्रा सीजन में अब छोटे वाहन स्वामियों को पार्किंग की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। नगर पंचायत घनसाली की इसे भविष्य में पेड पार्किंग बनाकर आर्थिकी बढ़ाने की भी मंशा है।

नगर पंचायत घनसाली का मुख्य बाजार चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव पर है। गंगोत्री-यमनोत्री से बद्री केदार जाने वाले लाखों तीर्थयात्री हर साल यहां से गुजरते हैं, लेकिन बद्री केदार जाने से पूर्व उन्हें पार्किंग न होने और घनसाली की संकरी सड़कों में लगने वाले जाम से दो चार होना पड़ता है। पार्किंग न होने के चलते यह क्षेत्र की समस्या वर्षों पुरानी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं मिल पाया है।

यहां पूर्व में मंडी परिषद के द्वारा बनाया गया बस अड्‌डा भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों व ठेकेदारों ने योजना से मलाई चट कर बस अड्डे का निर्माण कार्य बदतर हालत में छोड़ दिया है। ऐसे में बाजार में वाहनों से लगने वाले जाम से स्थिति और भी बदतर हुई है। ऐसे में नगर को जाम से निजात दिलाने के लिए नगर पंचायत की ओर से अब अपने ही कार्यालय के समीप करीब 1.92 करोड़ की लागत से तीन मंजिला पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। पार्किंग का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण भी हो चुका है। पार्किंग के निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड पेयजल निगम की निर्माण इकाई चंबा को दी गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले यात्रा सीजन से पूर्व उक्त पार्किंग बन कर तैयार हो जाएगी। पार्किंग बनने से बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को वाहन पार्किंग में कोई समस्या नहीं होगी। पार्किंग के लिए उन्हें केवल नगर पंचायत द्वारा निर्धारित कुछ पैसा पेय करना होगा।

पार्किंग के लिए जो धनराशि शासन से मिली थी वह पूरी खर्च कर ली गई है। अभी पार्किंग पर 20 प्रतिशत कार्य और होना बाकी है, जिसके लिए 50 से 60 लाख रुपये की और मांग की गई है। बजट मिलते ही उस पर और कार्य कराया जाएगा:- सौरभ शर्मा, परियोजना प्रबंधक।