वीडियो:- गढ़रत्न नेगी दा ने विल्सन के 100 साल पुराने गीत को दी आवाज, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा गीत।

उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

देहरादून:- लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने हर्षिल के राजा के नाम से मशहूर फ्रेडरिक विल्सन के बेटों और दो गढ़वाली लड़कियों की प्रेम कहानी पर एक पुराने लोकगीत को अपनी आवाज दी है। यह गीत करीब 100 साल पुराना बताया जा रहा है। लोकगीत को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है।

बता दें कि ब्रिटिश शिकारी और सेना से भागे फ्रेडरिक विल्सन 1840 में हर्षिल आए थे। उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई थी कि वे यहीं बस गए। उन्होंने यहां दो स्थानीय लड़कियों से शादी की थी, जिनसे उन्हें तीन बेटे हेनरी, नाथू और चार्ल्स विल्सन हुए। इतिहास में फ्रेडरिक विल्सन और उनके तीन बेटों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।

विल्सन को प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड की कई लघु कथाओं में जगह मिली है। उनकी एक कहानी विल्सन के भूत पर भी है। धराली और हर्षिल के चरवाहे कभी कभार एक लोकगीत सुनाया करते थे। नाथू विल्सन और रूढ़ा-गोदावरी शीर्षक वाला ये गीत लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को अपने एक मित्र राजू गुसाईं से मिला, जिसे उन्होंने गाने का फैसला किया। हर्षिल के ही माधवेंद्र सिंह रावत और बालम दास ने इसके पूरे बोल लिखने में मदद की।

हर्षिल में फ्रेडरिक विल्सन का एक लकड़ी का बंगला हुआ करता था, जो अग्निकांड में जल गया था। इसके स्थान पर वन विभाग ने एक बंगला तैयार कर उसे फ्रेडरिक विल्सन का नाम दिया है। फ्रेडरिक विल्सन अपने जमाने के एक प्रसिद्ध वन ठेकेदार थे, जो कि हर्षिल से स्लीपर काटकर उसे नदियों के सहारे निचले क्षेत्रों तक भेजा करते थे। अपने जीवनकाल में ही उन्होंने अपने तीनों बेटों का विवाह किया।

वर्ष 1883 में फ्रेडरिक विल्सन की मृत्यु हो गई थी, उन्हें मसूरी के कैमल्स बैंक रोड कब्रिस्तान में दफनाया गया।

फ्रेडरिक के तीनों बेटे अपने पिता की विरासत को आगे नहीं बढ़ा सके और समय के साथ फ्रेडरिक विल्सन की यादें धुंधली होती चली गई, लेकिन लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के इस लोकगीत से फ्रेडरिक विल्सन की पुरानी याद फिर ताजा हो गई है।

देखिये वीडियो:-

गीत का बोल….

ताड़ी बुनी तांद 2 नाथू कौरा सैबा
तैरी धराली सुनी रौंदी रूदा गोदारी बांदा
पाकी जाली कोणी 2नाथू कौरा….
हरशिला न चली बुसेरी घोड़ी अस्वारी नाथू कौरा……
खुटू का खड़।वा 2 नाथू कौरा…
धराली पहुचिके ताड़ी पड़ी पड।वा नाथू कौरा …
लाठू काटी लं।बू 2 नाथू कौरा…
तड़ी तपड़ फुडू काना सजीगे तंबू नाथू कौरा..
पूज्यता पितरा 2 नाथू कौरा…
कनु जांदू नाथू शुय बुटु भीतर नाथू कौरा …
तड़ी बुण बल तांदा 2 नाथू कौरा…
लयाई छोड़ी तुमना रूदा गोदोरी बांदा नाथू कौरा …
बंदूकों कू गाज 2 नाथू कौरा..
रूदा गुदोरी लियाणी बंगला कू साज नाथू कौरा….