घनसाली:- मॉडल स्कूल तो घोषित कर दिए पर संसाधन उपलब्ध कराने की याद नही, आखिर कैसे संवरेगा नौनिहालों का भविष्य।

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रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल, घनसाली

घनसाली:- विकासखंड भिलंगना में शिक्षा विभाग की शिक्षा नीति किस तरह दम तोड़ रही है यह अगर देखना है तो प्रखंड के दो मॉडल इंटर कालेजों की स्थिति देख कर अंदाजा लगाया जा सकता हैं। जहां पर बच्चों को पढ़ाई के लिए वर्षो से शिक्षक तक नसीब नही है। पठन-पाठन तो दूर की बात है लेकिन स्कूल में बैठने के लिए फर्नीचर तक उपलब्ध नही हैं। बच्चो को जमीन में बैठ कर काम चलना पड़ता हैं। मॉडल स्कूल में स्मार्ट क्लास के नाम पर ब्रॉड बैंड सेवा का कनेक्शन तक उपलब्ध नही है। जिस से क्षेत्र के दोनो मॉडल इंटर कालेजों की स्थिति बदतर होती जा रही हैं।

आपको बता दें कि विकासखंड भिलंगना में सरकार व शिक्षा विभाग ने मिलकर वर्ष 2014-15 में क्षेत्र के राजकीय इंटर कालेज घुमेटीधार और उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणी बडोनी के पैतृक गांव अखोड़ी के राजकीय इंटर कॉलेज को मॉडल स्कूल बनाने का खूब ढिंढोरा पीटा था। जिस में शिक्षा विभाग ने कहा था की ये दोनो स्कूल पूरे ब्लाक के सबसे अच्छे स्कूल साबित होंगे, जिस में पर्याप्त शिक्षक मौजूद रहेंगे और सारी सुविधाओं से पूर्ण रहेगा तब लोगो में आस जगी थी कि अब हमे अपने बच्चो को बाहर के प्राइवेट स्कूलों में नही भेजना पड़ेगा लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही हैं।

क्षेत्र के मॉडल स्कूल अखोडी में 8 प्रवक्ता के पद स्वीकृत है लेकिन वर्षो से 6 प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे है। मात्र 2 से काम चलाया जा रहा हैं। मॉडल स्कूल के नाम पर कंप्यूटर शिक्षा के लिए कक्ष तक नही हैं। स्मार्ट क्लास के बारे में बच्चो को जानकारी तक नहीं है। हद तो तब हो गई जब वर्तमान में मॉडल स्कूल में 378 बच्चे अध्यनरत है और पूरे स्कूल में मात्र 60 कुर्सी मेज के सेट है। बाकी 318 बच्चे कक्षा 6 से 12वी तक जमीन पर बैठकर ही विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। स्कूल में फर्नीचर तक उपलब्ध नही है।स्कूल में नेटवर्क के नाम पर ब्रॉडबैंड सेवा तक उपलब्ध नही हैं।

वहीं स्थिति शिक्षा विभाग के सबसे नजदीक और सुगम में पड़ने वाला मॉडल स्कूल घुमेटीधार का भी है। यहां पर भी 11 प्रवक्तावो के पद स्वीकृत है लेकिन पिछले कई वर्षो से पांच से अधिक प्रवक्ता और एलटी शिक्षको की कमी बनी हुई है। वर्तमान स्थिति यह हो गई है कि मेन मार्केट से लगे मॉडल स्कूल में मात्र 170 बच्चे ही रह गए हैं। ऐसे में विभाग मॉडल स्कूल का सपना दिखा कर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगा है।
स्कूलों में कई विषयों के शिक्षक न होने कारण लगातार प्रति वर्ष बच्चो की संख्या में भी कमी देखने को मिल रही हैं।

क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी:

उधर इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी सुमेर सिंह का कहना है कि शासन से मॉडल स्कूलो के लिए पर्याप्त बजट और शासन से शिक्षको की नियुक्ति न होने के कारण विद्यालयों में दिक्कत आ रही हैं।

क्या है मॉडल स्कूल के मानक:
◆ मॉडल स्कूल में शिक्षको के 100% पद होने चाहिए प्रवक्ता में और एलटी में
◆ स्मार्ट क्लास होनी चाहिए।
◆ सभी छात्रों के लिए पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध होना चाहिए।
◆ मॉडल स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
◆ सभी रसायनिक विषयो की लैब उपलब्ध होना चाहिए।
◆ ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध होना।
◆ कक्षा कक्ष पर्याप्त होना।

राजकीय इंटर कॉलेज अखोडी में प्रवक्ता के पद स्वीकृत 8,
रिक्त (6) रसायन विज्ञान, गणित,अंग्रेजी,समाज
शास्त्र,अर्थ शास्त्र,हिंदी, संस्कृत,

एलटी में रिक्त पद
गणित,अंग्रेजी, होम साइंस,
छात्र संख्या 378,

क्या नही है सुविधांए :
◆ स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नही।
◆ स्मार्ट क्लास नही।
◆ कंप्यूटर कक्ष नही।
◆ बच्चो के लिए पर्याप्त फर्नीचर नही हैं।
◆ कक्षा कक्ष की कमी बनी हुई हैं।
◆ ब्रॉड बैंड सेवा नहीं।
व कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध नही हैं राईका अखोडी में।

मॉडल स्कूल घुमेटीधार की स्थिति :
◆ पिछले तीन तीन शिक्षा सत्र से लागतार घट रही बच्चो की संख्या, वर्तमान में मात्र 170 बच्चे अध्यनरत।
◆ पिछले पांच वर्षो से पांच प्रवक्ताओं के पद रिक्त।
◆ कंप्यूटर कक्ष नही।
◆ ब्रॉड बैंड सेवा नहीं।
◆ स्मार्ट क्लास उपलब्ध नहीं।

आदि कई सुविधाओं से वंचित है क्षेत्र के दोनो मॉडल स्कूल इसे में लोगो के बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या कर रहा है विभाग।