हल्द्वानी (उत्तराखंड):- उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन युवती ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान ली और उनकी मूर्ति से शादी रचा ली। शादी समारोह में शामिल हुए अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी जुटाई गई थी। विदाई होने के बाद युवती कान्हा की मूर्ति को लेकर कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची। श्रीकृष्ण की दुल्हन बनने के लिए युवती 12 सालों से करवा चौथ की व्रत कर रही थी।
बचपन से दिव्यांग है हर्षिका पंत, अपनी खूबसूरती से अच्छी-अच्छी लड़कियों को देती है मात:
दरअसल, हल्द्वानी के प्रेमपुर लोश्ज्ञानी इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की 21 वर्षीय बेटी हर्षिका पंत बचपन से दिव्यांग है। हर्षिका की सुंदरता ऐसी है कि वो अच्छी-अच्छी लड़कियों को मात दे देती हैं, लेकिन कुदरत ने शरीर के निचले हिस्से को दिव्यांग बना दिया। अपने दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
कान्हा के नाम का भरा सिंदूर:
हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना सर्वस्व मान चुकी है। अब हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों के कसमें खाई और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर भर लिया है। हर्षिका के माता-पिता ने शादी का मुहूर्त निकलवाया और कल 11 जुलाई को हर्षिता ने परिवार की सहमति से धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण से शादी रचाकर अपने जीवन को उन्हें समर्पित कर दिया।
11 जुलाई को कुमाऊंनी रीति रिवाज से हुई शादी:
गुरुवार यानी 11 जुलाई को धूमधाम से शादी हुई। इससे पहले बुधवार को घर में मेहंदी और हल्दी का कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें सभी रिश्तेदार और आसपास के लोग भी शामिल हुए। हर्षिका के घर सुबह से ही तैयारियां की जा रही थी। बैंड बाजे के साथ बाराती दरवाजे तक पहुंचे। जहां कुमाऊंनी रीति रिवाज के अनुसार भगवान कृष्ण की दरवाजे पर स्वागत की गई। इसके बाद कुमाऊंनी रीति रिवाज के तहत हर्षिता का भगवान कृष्ण से शादी रचाई गई।
श्रीकृष्ण की दुल्हन बनीं हर्षिका, सैकड़ों लोग बने साक्षी:
इसके बाद जयमाला का भी कार्यक्रम हुआ। हर्षिका को आशीर्वाद देने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे। जहां सैकड़ों लोग शादी के साक्षी बने और प्रीतिभोज भी खाया। उसके बाद दुल्हन बनी हर्षिका अपनी सहेलियों के साथ कमरे से बाहर निकली और स्टेज पर जाकर उसने कान्हा की प्रतिमा को माला पहनाया। हर्षिका के माला पहनाने के बाद वहां मौजूद लोगों ने राधा-कृष्ण के जयकारे लगाए।
अपने ससुराल (वृंदावन) नहीं गई हर्षिका, परिवार ने श्रीकृष्ण को बनाया घर जमाई:
हर्षिका बीती 15 सालों से अपने हृदय में भगवान श्रीकृष्ण को संजोए बैठी है। आज शादी हुई, लेकिन हर्षिका अपने ससुराल (वृंदावन) नहीं गई बल्कि, घर वाले भगवान श्रीकृष्ण को घर जमाई बनाकर अपने घर रख लिया। हर्षिका और उसका पूरा परिवार इससे शादी से बेहद खुश हैं। हर्षिका की माता मीनाक्षी पंत बताती हैं कि बचपन से ही हर्षिका में भगवान श्रीकृष्ण को लेकर प्रेमभाव है वो बंद कमरे में मूर्ति के साथ बात करती हैं।
हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने भगवान कृष्ण को बनाया दामाद:
हर्षिता के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि बेटी की भगवान कृष्ण से शादी करवा दी है। अब भगवान कृष्ण को अपना दामाद बनाया है। आज से उनके घर में भगवान कृष्ण विराजमान रहेंगे। बता दें कि हर्षिका कक्षा पांचवीं तक पढ़ी हैं। जिस तरह से मीराबाई ने यौवन काल से लेकर मृत्यु तक श्रीकृष्ण को ही अपना सब कुछ माना था, उसी तरह हर्षिका भी कान्हा की दीवानी हैं।