संवाददाता:- पंकज भट्ट, घनसाली
घनसाली:- विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 2 दिवसीय जिला अभ्यास वर्ग घनसाली स्थिति सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में समापन हो गया है।
2 दिवसीय कार्यक्रम में टिहरी जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्रा मौजूद रहे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विभाग प्रचारक राज पुष्प ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
वहीं विभाग प्रचारक राज पुष्प ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विचारधारा और समाज के लिए किए गए बड़े आंदोलनों की चर्चा की और संगठन के वर्षभर में होने वाले कार्यक्रमों से भी अवगत कराया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश की युवा छात्र शक्ति का प्रतिनिधि संगठन है। इसकी स्थापना 72 वर्ष पूर्व 9 जुलाई 1949 को हुई थी । तब से अब तक परिषद ने निरन्तर ऊर्जा सम्पन्न युवाओं को संगठित करने का कार्य किया है। आज यह विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हैं।
राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन को जगाना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मूल उद्देश्य है। विद्यार्थी परिषद् छात्र-छात्राओं में सकारात्मक देश भक्ति को बढ़ावा देने और राष्ट्रप्रेम का भाव जागृत करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहता है।
ज्ञान, शील और एकता – परिषद की विशेषता
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ज्ञान, शील और एकता के दर्शन पर कार्य करने वाला छात्र संगठन है।
छात्रशक्ति-राष्ट्रशक्ति का विचार
1960 के दशक में जब देश राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा था, विद्यार्थी परिषद का वैचारिक अभियान शुरू हुआ। 1970 के दशक में विद्यार्थी परिषद ने यह मत रखा कि छात्रशक्ति-राष्ट्रशक्ति है। परिषद में सक्रीय अन्य संगठनों भी आज छात्र शक्ति का जय घोष करने लगे हैं। यह परिषद की वैचारिक स्वीकार्यता का परिचायक है।
‘विद्यार्थी कल का नहीं आज का नागरिक है’
विद्यार्थी परिषद ने मंच से घोषित किया कि ‘विद्यार्थी कल का नहीं आज का नागरिक है’। विद्यार्थियों के सरोकार केवल विश्वविद्यालय परिसर के नहीं बल्कि देश और समाज के प्रश्न से भी हैं अतः विद्यार्थी देश और समाज के व्यापक सरोकारों से अलग नहीं रह सकता।
समस्याओं के समाधान हेतु व्यापक पहल
अपने स्थापना काल से ही विद्यार्थी परिषद ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देश व्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। दलगत राजनीति से परे समस्याओं के आपेक्षित समाधान हेतु परिषद द्वारा व्यापक पहल भी किया गया है। इसी के फलस्वरूप परिषद की गतिविधियां निरंतर, क्रमबद्ध, सार्थक सिद्ध हुयी हैं।
विगत 65 वर्ष में छात्र हितों के लिए संघर्ष करने वाले संगठनों के बीच विद्यार्थी परिषद् की अपनी एक विशिष्ट पहचान बनी है। परिषद की 65 वर्ष की विकास यात्रा देश के इतिहास में निश्चित रूप से एक विशेष अध्याय है। संगठन ने देश की युवा छात्र शक्ति के मन में आशा और विश्वास का स्थान प्राप्त किया है।
सामाजिक समरसता व विद्यार्थी परिषद
विद्यार्थी परिषद सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। परिषद् विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं में सामाजिक समरसता, आपसी सौहार्द तथा भाईचारा की भावनाओं को विकसित करने का कार्य करता है। विद्यार्थी परिषद द्वारा 14 अप्रैल, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जन्म दिवस पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। परिषद डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसम्बर को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मानती है।
कार्यक्रम में मौजूद रहे अनुसूया प्रसाद नौटियाल ने विद्यार्थी परिषद के बारे में विस्तार से चर्चा की और स्वामी विवेकानंद के विचारों को आगे बढ़ाने का आग्रह भी किया।
अभ्यास वर्ग कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह, विभाग प्रचारक राज पुष्प, खंड कार्यवाह नत्थी सिंह रावत, आंनद बिष्ट, अनिल चौहान, धनपाल राणा, राजेश मिश्रवाण, विभाग संगठन मंत्री प्रवीण असवाल, प्रदेश सहमंत्री अमित धनोला, जिला संयोजक सचिन सजवान जिला प्रमुख डॉक्टर बी डी एस नेगी, अनुसूया प्रसाद नौटियाल, संदीप भट्ट सह विभाग संयोजक,ओमप्रकाश भुजवान, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अंजलि चौहान, विपुल रांगड़ आदि लोग मौजूद रहे।