उत्तराखंड:- अप्रैल में हो सकते हैं पंचायत चुनाव, आरक्षण पर आयोग की रिपोर्ट का इंतजार।

उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

देहरादून:- उत्तराखंड में निकाय चुनाव संपन्न होने के साथ ही सरकार ने अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। शासन के सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं के तुरंत बाद अप्रैल तक प्रदेश में पंचायत चुनाव हो सकते हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह तक सरकार चुनाव की घोषणा कर सकती है।

पंचायतों का कार्यकाल बीते वर्ष 27 नवंबर को समाप्त हो गया था। सरकार ने दिसंबर माह में पंचायतों में अगले छह माह या चुनाव होने तक प्रशासक नियुक्त कर दिए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर शासन से रिपोर्ट मांगी थी। जो पंचायत निदेशालय की ओर से शासन को सौंप दी गई है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए विभाग की ओर से हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन किया गया। ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई। जबकि ग्राम पंचायत वार्ड 59 हजार 219 से बढ़कर 59 हजार 357 और जिला पंचायत की सीटें 385 से बढ़कर 389 हो गई थीं।

हालांकि, क्षेत्र पंचायतों की संख्या बढ़ने के बजाए 3,162 से घटकर 3,157 हो गई, लेकिन शहरी विकास विभाग की ओर से कुछ निकायों का विस्तार एवं कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्र से बाहर किया गया है।

आरक्षण पर आयोग की रिपोर्ट का इंतजार

उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर स्थान और पदों के आरक्षण की प्रक्रिया जारी है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस वर्मा प्रदेश के करीब-करीब सभी जिलों में आरक्षण को लेकर सुनवाई पूरी कर चुके हैं। अब उन्हें सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी हैं। उधर, पंचायतों में ओबीसी आरक्षण को लेकर विधेयक अभी भी प्रवर समिति के पास है। ऐसे में सरकार पंचायतों में चुनाव कराने को लेकर नगर निकायों की तर्ज पर अध्यादेश ला सकती है।
पंचायत चुनाव के लिए सरकार तैयार है। लेकिन चुनाव बोर्ड परीक्षाओं के बाद ही होंगे। इस बीच सरकार आरक्षण की कार्रवाई पूरी कर लेगी। – चंद्रेश कुमार, सचिव, पंचायती राज विभाग