कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा के नेतृत्व में टिहरी जनपद से राज भवन घेराव में उमड़ा जन सैलाब, सैकड़ो कांग्रेसी हुए शामिल।

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा के नेतृत्व में टिहरी जनपद से राज भवन घेराव में उमड़ा जन सैलाब, सैकड़ो कांग्रेसी हुए शामिल।

देहरादून:- प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर देहरादून में राज्य सरकार की जन् विरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का राज भवन घेराव में हजारों की संख्या में कांग्रेस जन शामिल हुई
वही टिहरी जनपद से जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा के नेतृत्व में कांग्रेस के लोग बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी पूर्व नेता प्रतिपक्ष विधायक चकराता प्रीतम सिंह प्रताप नगर क्षेत्र के विधायक विक्रम सिंह नेगी पूर्व विधायक ओम गोपाल कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव से प्रभारी उत्तराखंड सुरेंद्र शर्मा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा मुरारीलाल खंडवाला विक्रम सिंह पवार अरविंद मोहन सकलानी कुलदीप सिंह पवार गंगा भगत सिंह नेगी लखबीर सिंह चौहान ज्योति सिंह रावत सुरेंद्र सिंह पवार जुनैद खान शाहिद बड़ी संख्या में कांग्रेस जन उपस्थित रहे।

जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि हाल ही में गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाये गये आरोपों ने भ्रष्टाचार, धोखाधडी और छल की कथित जालसाजी का पर्दाफाश किया है। इन आरोपों ने रिश्वतखोरी, मनी लान्डिंग और बाजार में हेरफेर के एक पैटर्न को उजागर किया है, जो भारतीय व्यापार और वित्त की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं। यह घटना भारत के कॉर्पोरेट गवेर्नेस और नियामक निगरानी के सम्बन्ध मे चिंता का विषय है। घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच विश्वास की हानि गम्भीर चिंता का विषय है। इससे भारत में पूंजी के संभावित पलायन से आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और समग्र विकास बाधित हो सकता है। इसके अलावा केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा संसदीय चर्चा को जानबूझकर रोकना और इस मुद्दे पर मौन रहना अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बचने का संकेत है।

आपको यह भी विदित है कि मणिपुर राज्य निरंतर हिंसा, गोलीबारी, कर्फयू और व्यापक अराजकता के एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। मणिपुर हिंसा में अब तक कई लोगों की जाने चली गई हैं और वहां के लोग एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। संकट की गम्भीरता के बावजूद भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार इस स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री ने अभी त कमणिपुर का दौरा तक नहीं किया है जबकि पूरी तरह अयोग्य मुख्यमंत्री अभी तक सत्ता में काबिज हैं जिससे इस गंभीर स्थिति के प्रति भाजपा की उदासीनता का पता चलता है।