घनसाली:- भिलंगना ब्लॉक के सेंदुल गांव में लगाई गई पहली सोलर पंपिंग योजना, ग्रामीणों को मिली राहत।

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल ब्रेकिंग न्यूज

घनसाली:- विकासखंड भिलंगना के ग्राम पंचायत सेंदुल में सिंचाई की पानी एवं पेयजल की भारी किल्लत होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिसे देखते हुए ग्राम प्रधान सविता मैठाणी के अथक प्रयास से आज सेंदुल गांव में विकासखंड की पहली सिंचाई हेतु सोलर पम्पिंग योजना लगाई गई है। जिसका संचालन शुरू किया जा चुका है। सेंदुल गांव मे खेतों की सिंचाई के लिये लघु सिंचाई विभाग की ओर से सोलर पंपिंग योजना बनाई गई है। यह योजना सेंदुल गांव के खेतों की सिंचाई के लिये वरदान साबित हो रही है। खेतों की सिंचाई के साथ-साथ इस योजना से ग्रामीणों को पेयजलापूर्ति भी हो रही है। आपको बता दें कि विकासखंड भिलंगना के केमर पट्टी में ग्राम पंचायत सेंदुल में लघु सिंचाई विभाग की ओर से 10 लाख रुपये की लागत से सोलर पंपिंग योजना लगाकर तैयार की गई है। जिससे सूर्य से निकलनी वाली किरणों से सोलर पंप बिजली में परिवर्तित होकर 3 HP क्षमता वाला पंप से बालगंगा नदी से गांव के मुख्य टैंक में पानी पहुचाया जा रहा है। पंपिंग योजना की दूरी लगभग 800 मीटर से अधिक है। सोलर पंपिंग योजना की मदद से गांव में बने टैंक में पानी जमा किया जाता है, जमा किये गए पानी को पाइप की मदद से सिंचाई के लिये खेतों में भेजा जा रहा है।
वहीं लघु सिंचाई विभाग द्वारा उक्त ग्राम पंचायत में नई तकनीकी के कृत्रिम बरसात नुमा इस्प्रिंगलर पाइप भी लगाये गये है जो खेतों में कृत्रिम बरसात करते हैं। भिलंगना ब्लॉक में इस तरह की यह पहली योजना है।
वहीं ग्रमीणों का कहना है कि पानी की भारी समस्या थी जिससे सोलर पम्पिंग योजना के लगने से आज वो सारी परेशानी दूर हो गयी है।
आपको बता दें कि सेंदुल ग्राम पंचायत के केमरा गांव में भी सोलर पम्पिंग योजना लगाई गई है जो कि आज फेल हो चुकी है । उक्त सोलर पम्पिंग योजना में जलसंस्थान द्वारा रोड पर लगाए गए हैंडपंप से पानी खींचा जा रहा है जो कि महज खानापूर्ति की गई है जो कि आज फेल हो चुकी है। केमरा के ग्रामीणों की भी मांग है कि उक्त सोलर पम्पिंग योजना को वहां से हटाकर बालगंगा नदी से पानी उठाया जाय।
वहीं बृजेश गुप्ता (ईई) लघु सिचाई विभाग ने बताया कि भिलंगना ब्लॉक में इस तरह की पहली योजना शुरू की गई है। पंपिंग योजना के माध्यम से नदी तट से करीब 800 मीटर से अधिक की चढ़ाई पर पानी खींचा जा रहा है। टैंक के पानी से खेतों की सिंचाई की जा रही है। साथ ही गांव के लोग उक्त पानी को पेयजल हेतु उपयोग कर रहें हैं। इस योजना से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिल रही है।