घनसाली:- टिहरी जनपद के घनसाली और चमियाला नगर पंचायत के कूड़ा निस्तारण केंद्र (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट) का निर्माण होने से पहले ही विवादों के घेरे में है। नगर पंचायत घनसाली में विगत वर्षों से कूड़ा और अब डंपिंग जोन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) विवादों का केंद्र बन गया है।
आपको बता दें कि नगर पंचायत चमियाला और घनसाली का कूड़ा वर्षों से चमियाला बूढ़ाकेदार मोटर मार्ग पर गिराया जाता है जो चार धाम यात्रा का मुख्य मार्ग भी है और महाविद्यालय के छात्रों का भी पैदल मार्ग है जिस कारण राहगीरों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि ठीक उसके नीचे बह रही भिलंगना नदी भी इस कूड़े से काफी प्रभावित होती है। वहीं हाईकोर्ट के आदेशों पर यहां दोनों नगर पंचायतों को विगत कुछ माह से जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
आपको बता दें वर्ष 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दोनों नगरों के कूड़ा निस्तारण केंद्र के लिए अपने घोषणा-पत्र में शामिल किया था जो लगभग दोनों नगरों को 2.5 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति मिल गई थी लेकिन दोनों नगरों के पास भूमि उपलब्ध ना होने के कारण घनसाली से 7 किलोमीटर दूर घोंटी- पिपोला के पास ज़मीन खरीदी गयी और जैसे ही कुछ दिन पूर्व डंपिंग जोन का कार्य शुरू किया गया तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और कार्य रुकवा दिया। इसी मामले को लेकर उपजिलाधिकारी के एन गोस्वामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक ली और नव निर्मित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर ग्रामीणों और प्रतिनिधियों के अंदर फैल रही भ्रांतियों को दूर करने और तमाम नियमों की जानकारी दी। लेकिन 3 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद ग्रामीणों ने एक ना सुनी और कोर्ट जाने की बात कही।
वहीं एसडीएम के एन गोस्वामी ने कहा कि लोगों को हर तरह से समझा लिया गया है कि यहां पर सिर्फ डंपिंग जोन नहीं बल्कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया जा रहा है जिससे कूड़े का मौके पर ही रिसाइकिल किया जाएगा और दोनों नगर पंचायत को करोड़ों का मुनाफा भी होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जबकि कुछ लोगों के द्वारा निर्माण कार्य को रोकने का कार्य किया गया है जो कि बिल्कुल ग़लत है और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। दोनों शहरों के कूड़ा निस्तारण के लिए बन रहे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को उसी स्थान पर बनाया जाएगा जहां पर भूमि का चयन हुआ है।
वहीं उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति फिर भी नहीं मानता तो लॉ एंड ऑर्डर अपना काम करेगा।
वहीं घनसाली नगर पंचायत अध्यक्ष शंकर पाल सजवाण ने बताया कि कुछ लोग गलत फहमी के शिकार हो रहे हैं। यहां पर बनने वाले निस्तारण केंद्र में कूड़े को खाद रूप में प्रयोग किया जाएगा।
वहीं जिला पंचायत सदस्य सुनीता भुजवाण, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रभाकर भट्ट, ग्राम प्रधान शोभा बडोनी, विजयपाल रावत ने कहा कि एस डी एम घनसाली कह रहे हैं कि डंपिंग जोन वहीं बनेगा लेकिन वहां डंपिंग जॉन बनाने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना पड़ेगा। वहां पर 27 गांव के लोगों का मुख्य द्वार व ग्रामीणों का पैतृक घाट भी है। प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन इस और गंभीर कदम नहीं उठाता है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हैं और अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
इस मौके पर एसडीएम घनसाली के एन गोस्वामी, वीडिओ भिलंगना सतीश बडोनी, नगर पंचायत अध्यक्ष शंकर पाल सजवाण, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ नरेंद्र डंगवाल, विजयपाल रावत पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मंदार, सुनीता भुजवान क्षेत्र पंचायत सदस्य मंदार, प्रभाकर भट्ट क्षेत्र पंचायत सदस्य भटवाड़ा, शोभा बडोनी प्रधान पिपोला, दिनेश कुमार पूर्व क्षेत्र पंचायत ढुंग, भागवत प्रसाद भट्ट प्रधान भटवाड़ा, हरीश राणा प्रधान स्युरी, हर्षमणि नौटियाल प्रधान सेमा, सुषमा देवी प्रधान सैण, लक्ष्मीनाथ प्रधान गहड़, जमुना प्रसाद बडोनी प्रधान बडोंनगांव, दौलत राम लसियाल प्रधान मुसांक्री, राजेश्वरी देवी प्रधान मोल्ठा, जयपाल गुनसोला, विनोद गुसाईं, अरविंद, नरेश कुमाई, देवेंद्र दत्त कंसवाल, शिवप्रसाद बडोनी, गणेश लसियाल आदि लोग मौजूद रहे।