गबन की धनराशि 7 लाख रुपए करने होंगे जमा
नैनीताल:- उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के पूर्व सहायक निदेशक कांति राम जोशी की जमानत प्रार्थना पत्र पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जहां से कांति राम जोशी को बड़ी राहत मिली है। मामले में न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने कांति राम जोशी को जमानत दे दी है। एकलपीठ ने कांति राम से सरकारी धन का दुरुपयोग की गई 7 लाख की धनराशि को जमा करने के आदेश भी दिए हैं।
पूर्व सहायक निदेशक कांति राम जोशी ने जमानत प्रार्थना पत्र में कहा है कि उस पर लगाए गए आरोप गलत हैं। जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। लिहाजा, उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। जबकि, सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। जांच में जो आरोप लगाए गए थे, वे आरोप सही पाए गए हैं। उसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं, सरकार का कहना था कि शासन ने भी जांच के बाद कांति राम जोशी से गबन की राशि रिकवरी करने के निर्देश दिए थे। उस आदेश पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई न ही जोशी ने खुद गबन की धनराशि सरकारी कोष में जमा किया। इसलिए उनकी जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाए।
जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद आज नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 7 लाख की धनराशि को जमा करने की अंडरटेकिंग देने के बाद कांति राम जोशी का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर धनराशि को जमा करने को कहा है।
आपको बता दें कि साल 2010 से 2013 के बीच टिहरी में छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन का आरोप है। आरोपी फरवरी 2023 से जेल में बंद है।