देहरादून:- उत्तराखंड के 24 साल के सफर में 26 साल के युवा के सियासी दांव ने सबको चौंकाया। मंगलवार की सुबह टिहरी लोकसभा सीट के शुरुआती रुझान आने लगे तो एक बार भाजपा सकते में आ गई। बेरोजगार आंदोलन से निकले बॉबी पंवार भाजपा-कांग्रेस को पीछे छोड़ आगे चल रहे थे। उन्होंने अपने पहले चुनाव में 1.68 लाख से ज्यादा मत हासिल किए।
राज्य गठन के बाद से ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी निर्दलीय को लोकसभा चुनाव में इतना जनसमर्थन मिला हो।कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रीतम सिंह की पारंपरिक सीट चकराता में बॉबी पंवार ने बड़ी सेंधमारी की। यहां कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई। जबकि, पिछले सभी चुनाव में कांग्रेस को यहां से बढ़त मिली।
दरअसल, बॉबी पंवार का घर भी चकराता में है और उनको यहां 26,983 मत मिले। भाजपा को 14640 और कांग्रेस को 11336 वोट मिले। बॉबी को यहां भाजपा के मुकाबले 12343 और कांग्रेस के मुकाबले 15647 वोट अधिक मिले। बॉबी ने टिहरी लोकसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी बढ़त भी चकराता से ही हासिल की।
जौनसार में बॉबी के इस प्रदर्शन को लोग भविष्य की राजनीति के साथ भी जोड़कर देखने लगे हैं। कांग्रेस के गढ़ में बॉबी की दमदार मौजूदगी ने राजनीतिक दलों के सामने एक लकीर खींचने का भी काम किया है।
वहीं अगर हरिद्वार लोकसभा सीट की करें तो यहां वर्तमान में खानपुर विधायक उमेश कुमार निर्दलीय मैदान में उतरे थे लेकिन लाख का आंकड़ा भी नही छू पाए और लगभग 91188 वोट पर सिमट कर रह गए ओर अपनी जमानत भी नही बचा पाए।
अपनी विधानसभा में ही पिछड़ गए निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार
खानपुर की जनता ने निर्देलीय प्रत्याशी उमेश कुमार से ज्यादा भाजपा और कांग्रेस पर भरोसा जताया है। उमेश अपनी ही विधानसभा में पिछड़ गए। तीसरे नंबर पर आने से साफ जाहिर है कि उमेश अपने ही क्षेत्र के लोगों का भरोसा नहीं जीत पाए।
खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा लोकसभा में निर्दलीय प्रतयाशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। जहां भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थे। वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत चुनावी अखाडे़ में थे। जबकि बसपा से जमील अहमद पर पार्टी ने दांव लगाया था। चुनाव के दौरान उमेश कुमार के प्रचार-प्रसार से अंदाजा लगाया जा रहा था कि खानपुर की जनता का उन्हें पूरा समर्थन है, लेकिन मंगलवार को आए चुनाव नतीजों ने सबको चौंका दिया है।
मतगणना के बाद भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत को खानपुर विधानसभा से 46252 वोट मिले। कांग्रेस से वीरेंद्र रावत को 36755 और उमेश कुमार शर्मा 16184 वोट मिले। इससे साफ जाहिर है कि विधानसभा चुनाव से इतर लोकसभा चुनाव में जिले के साथ ही खानपुर की जनता ने क्षेत्रीय विधायक को नकारते हुए भाजपा और कांग्रेस पर भरोसा जताया है।