रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल, चमियाला
नगर पंचायत चमियाला व आसपास के क्षेत्रों में बनी हुई है पानी की समस्या।
2017-18 में तत्कालीन सीएम ने की थी पंपिंग योजनाओं की घोषणा।
घनसाली:- विकास कार्यों की घोषणाएं तो खूब होती हैं, लेकिन इनमें से कई धरातल पर ही नहीं उतर पातीं। वहीं, कुछ घोषणाएं उतरती भी हैं तो लंबे समय के बाद। उसके बारे में भी स्थानीय लोगों को याद दिलाना पड़ता है।
इसी क्रम में विकासखंड भिलगंगा की नगर पंचायत चमियाला के नगरवासियों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा सात वर्ष पूर्व की गई करोड़ों की पंपिंग योजना की घोषणा अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। ऐसे में लगातार बढ़ती आबादी के बीच नगर में निवासरत लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वर्षों बाद भी पंपिंग योजना का निर्माण कार्य नही हो सका है।
नगर पंचायत चमियाला में लगातार बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017-18 में चमियाला के लोगों के लिए पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की पंपिंग योजनाओं की घोषणा की थी। इनको बनाने का जिम्मा जल निगम को दिया गया था, जिस पर बकायदा सरकार ने वर्ष 2019 में टोकन मनी के रूप में चमियाला के लिए 57 लाख के सापेक्ष 31.38 लाख रुपये भी दिए थे। इस योजना का कार्य दो वर्ष के अंतर्गत पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना काल के कारण योजना पर निर्माण के नाम पर कुछ नहीं हो सका था। वर्ष 2020-21 में योजना पर धन स्वीकृत करवाने के बावजूद उसे जायका योजना से करवाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत जल निगम विभाग ने चमियाला के लिए 26 करोड़ रुपये का स्टीमेट सरकार को भेजा। इसका प्रकलन भारत सरकार के द्वारा स्वीकृत किया गया है, ताकि नपं चमियाला की 15 हजार से अधिक की आबादी को पेयजल की सुविधा मिल सके, लेकिन सरकारी तंत्र की उपेक्षा के चलते वर्षों बीत जाने के बाद भी योजना पर ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में क्षेत्र के लोग अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। लोग नदियों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। चमियाला के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक गांवों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करने वाली सेंदूल पेयजल योजना पर बनाया गया फिल्टर टैंक भी अभी तक ठीक नहीं किया गया है व न ही कोई सकारात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई है।
वहीं अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम घनसाली केशवानंद सेमवाल ने बताया कि पंपिंग योजना की डीपीआर शासन स्तर पर लगभग अंतिम चरण में है। धन स्वीकृति के बाद ही कार्य शुरू हो पाएगा।