उत्तरकाशी बस हादसा:- रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ खत्म, 30 में से 26 यात्रियों की मौत, 4 घायलों का इलाज जारी।

उत्तरकाशी उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

उत्तरकाशी:- मध्य प्रदेश के पन्ना से तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा पर ले जा रही बस रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
ताजा खबर यह है कि रेस्क्यु ऑपरेशन पूरा हो चुका है। उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, बस में 30 लोग सवार थे, जिनमें से 26 की मौत हो चुकी है। 4 घायल हैं जिनको इलाज के लिए हायर सेंटर भेजा गया है। दुर्घटना का प्रारंभिक कारण चालक को नींद की झपकी आने के कारण बताया जा रहा है।
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देर रात देहरादून पहुंचे।
सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घायलों से मुलाकात की। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे।

हादसा रविवार शाम करीब 7.15 बजे यमुनोत्री धाम से 70 किमी पहले डामटा के पास हुआ। मध्य प्रदेश के पन्ना जिला से चारधाम यात्रा के लिए आए 28 श्रद्धालु यातायात पर्यटन एवं विकास सहकारी संघ लिमिटेड कंपनी की बस में सुबह 10 बजे हरिद्वार से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुए। बस में चालक और परिचालक समेत 30 यात्री सवार थे। इनमें 14 महिलाएं भी शामिल हैं।
इस दौरान बस डामटा के पास अनियंत्रित होकर करीब 400 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। उस समय आठ से दस वाहनों का काफिला वहां से गुजर रहा था, जिसमें से दो वाहन भी इस बस में श्रद्धालुओं के साथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के थे।
हादसे की सूचना पर डामटा पुलिस और एसडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया। घायलों को तुरंत डामटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हादसे में 26 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। बड़कोट की उपजिला मजिस्ट्रेट शालिनी नेगी ने बताया है कि अब तक 26 शव बरामद किए जा चुके हैं। तथा 4 घायलों को हायर सेंटर भेजा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जहां हादसा हुआ, वहां सड़क काफी चौड़ी है और डामरीकरण किया गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चालक को नींद आने के कारण चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया होगा।
यह भी बताया गया कि दुर्घटनाग्रस्त बस का चारधाम यात्रा का यह तीसरा नॉन स्टॉप ट्रिप था। आम तौर पर एक यात्रा पूरी करने के बाद बस और चालक दोनों को आराम देना पड़ता है।