तीन दिन से वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही थी शैलारानी।
देहरादून:– केदारनाथ की भाजपा विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह 68 साल की थीं।
शैलारानी बीते तीन दिनों से देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही थीं। उनका अंतिम संस्कार आज बुधवार को होगा।
शैलारानी के भाई अजय राणा ने बताया कि लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान शैलारानी ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिर गईं थीं। इस कारण उनकी रीढ़ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी।
मेदांता अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई थी, जहां से ठीक होकर वह उत्तराखंड लौट आई थीं। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई।
शैलारानी ने अपना राजनैतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं। हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गई थीं। भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं। 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। इस बार शैलारानी ने जीत दर्ज की। उनके निधन के बाद सीट खाली हो गई है।
2017 में विस चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गईं थीं। उन्हें उन्हें आंतरिक चोट आई थीं। मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ होकर अपने घर लौटीं और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में अनिल बलूनी के लिए प्रचार भी किया, इस दौरान वह चोटिल हो गईं। शैलारानी की चार बहनें और तीन भाई हैं। दो भाइयों का निधन हो चुका है।
वहीं विधायक शैलारानी के निधन से प्रदेश सहित भाजपा परिवार में शोक की लहर है।