दुःखद:-महज 15 दिन पहले अपने गांव आई रितु व 6 साल की बेटी को लील गयी उत्तरकाशी आपदा।

उत्तरकाशी उत्तराखंड ब्रेकिंग न्यूज

उत्तरकाशी:- बीते दिन उत्तरकाशी में आया आपदा का सैलाब अपने पीछे कई रुलाने वाली घटनाओं को छोड़ गया है। रात के वक्त जब लोग घरों में सो रहे थे, तभी मांडो गांव में बादल फटने के बाद तबाही आ गई। इस सैलाब में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितु और उनकी छह साल की बेटी समेत तीन लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए। रितु की जेठानी माधुरी भी इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठी। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितु करीब 15 दिन पहले ही अपनी बेटी को साथ लेकर उत्तरकाशी आई थी। जेठ देवानंद भट्ट और जेठानी माधुरी ने बड़े प्यार से उन्हें गांव आने का निमंत्रण दिया था, लेकिन किसे पता था कि रितु और उनकी 6 साल की बेटी यहीं दफन होकर रह जाएंगी। दुर्भाग्य से ऐसा ही हुआ।

रविवार रात हुई मूसलाधार बारिश मांडों गांव निवासी देवानंद भट्ट और उसके छोटे भाई दीपक भट्ट के परिवार पर कहर बनकर टूटी। देवानंद भट्ट का घर देखते ही देखते मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। हादसे में माधुरी, रितु और उनकी 6 साल की बेटी की मौत हो गई।

देवानंद का छोटा भाई दीपक व उसकी पत्नी रितु दोनों दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। कोविड के चलते रितु वर्क फ्रॉम होम पर थी, इसलिए बेटी के साथ उत्तरकाशी आ गई थी। वो गांव में रहकर ही काम कर रही थी। रविवार रात जब गदेरा उफान पर आया तो अनहोनी की आशंका पर रितु अपनी बेटी और जेठानी के साथ घर से बाहर निकली। लेकिन घर से बाहर कदम रखते ही मलबा और पानी का जलजला आया और वह तीनों मलबे में समा गए। देवानंद अब उस पल को कोस रहे हैं, जब उन्होंने छोटे भाई के परिवार को गांव आने के लिए कहा था। परिजनों ने अभी रितु के पति दीपक भट्ट को घटना की सूचना नहीं दी है। उत्तरकाशी में हर तरफ तबाही के निशान नजर आ रहे हैं। बता दें कि रविवार रात मांडो गांव में बादल फटने के बाद घरों में मलबा घुसने से दो महिलाओं और एक बच्ची की मौत हो गई। जबकि, चार अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।