रक्षाबंधन:- कैबिनेट मंत्री जोशी को राखियां बांधने उमड़ीं हजारों महिलाएं, बहनों के प्यार और स्नेह को देखकर भावुक हो गए मंत्री गणेश जोशी।

उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

देहरादून:- देहरादून में रविवार को रक्षाबंधन समारोह में हजारों की संख्या में पहुंचीं महिलाओं ने सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास मंत्री गणेश जोशी की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधी। इस दौरान मंत्री ने सभी बहनों को उपहार भेंट किए। उन्होंने बहनों को आश्वस्त करते हुए संकल्प लिया कि जिस भाव से उन्होंने रक्षासूत्र बांधे हैं, उसी भाव से वे भी जीवनभर उनकी रक्षा करेंगे।

मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को सर्वे स्टेडियम हाथीबड़कला में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित किया। संस्कृति विभाग की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। कनु प्यारू चौमास डांडियों में सौरिगे.., बेडू पाको बारामास… गीत पर नृत्य की प्रस्तुति ने मंत्रमुग्ध किया। प्रतिभा श्रीवास्तव ने टीम के साथ शास्त्रीय नृत्य पेश किया।

वहीं मंत्री ने कहा कि जब विस चुनाव चल रहे थे, तब मैं शहीद सम्मान यात्रा में शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्रित कर रहा था। तब मुझे एक मित्र ने फोन कर कहा, सभी प्रत्याशी अपने विस क्षेत्रों में जुटे हैं, आप अपने क्षेत्र से बाहर हो। इस पर मैंने कहा-मेरे चुनाव की जिम्मा मेरी बहनों ने संभाल रखा है। इसका परिणाम यह रहा कि मैं पिछले चुनाव से अधिक मतों से जीत गया।

इस अवसर पर टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत कृष्ण गिरी महाराज, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, मंत्री जोशी की पत्नी निर्मला जोशी, भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी, देहरादून भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष वंदना ठाकुर मौजूद रहे।

बहनों के आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा गणेश जोशी

मंत्री जोशी महिलाओं का हुजूम देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि नवंबर 1976 में वे सेना में भर्ती हुए थे। 28 अगस्त 1977 को रक्षाबंधन था तो मेरे हाथों में राखी बांधने वाला कोई नहीं था, तब एक हवलदार के घर पर जाकर उनकी पत्नी से राखी बंधवाई, लेकिन आज मेरी हजारों बहनें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तब मेरा राजनीति से कोई मतलब नहीं था, मेरा पिता और भाई भी फौजी रहे, लेकिन अब बहनों के आशीर्वाद से मैं चार बार विधायक और दो बार मंत्री बन चुका हूं।

2025 तक बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे

जोशी ने कहा कि मैंने गरीबी को नजदीक से देखा, टपकता हुआ मकान देखा और भूखे पेट तक सोया। बचपन में गुब्बारे तक बेचे, इसलिए आज गरीबों की पीड़ा महसूस होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार हर गरीब के उत्थान के लिए काम कर रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक हम सवा करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे।