उत्तराखंड में फिर टले पंचायत चुनाव, अब डीएम, एसडीएम और एडीओ बनाए गए प्रशासक।
जिला पंचायतों में डीएम, क्षेत्र पंचायतों में एसडीएम, ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत प्रशासक नियुक्त
देहरादून:- प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों की पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं। सोमवार को सचिव पंचायतीराज चंद्रेश यादव ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
आदेश के अनुसार, पंचायतों में संबंधित जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और सहायक विकास अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी के साथ पंचायतों में प्रशासक को लेकर लंबे समय से बनी असमंजस की स्थिति भी साफ हो गई।
आपको बता दें कि प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो गया था। चुनाव कराने की स्थिति नहीं होने पर उस समय प्रशासक नियुक्त कर दिए गए थे। उन प्रशासकों का कार्यकाल बीती 29 मई को समाप्त हो गया था। तब से आठ जून तक पंचायतों में प्रशासकों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सोमवार को पंचायतीराज विभाग ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी।
अब जिला पंचायतों में जिलाधिकारी को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गई है। क्षेत्र पंचायतों में संबंधित उपजिलाधिकारी और ग्राम पंचायतों में विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी प्रशासक की भूमिका निभाएंगे। आदेश में साफ किया गया है कि प्रशासक की जिम्मेदारी नई पंचायतों के गठन या 31 जुलाई तक के लिए सौंपी गई है।
चुनौती : 52 दिन के भीतर कराने होंगे चुनाव
सरकार ने प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई तक के लिए तय किया है। ऐसे में सरकार के सामने हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष जिलों की 343 जिला पंचायतों, 2936 क्षेत्र पंचायतों और 7505 ग्राम पंचायतों में अगले 52 दिन में चुनाव कराने की चुनौती होगी। इसके लिए सरकार समेत राज्य निर्वाचन आयोग को युद्धस्तर पर फैसले लेने के साथ धरातल पर प्रक्रिया को पूरा कराना होगा।