उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अब 10 और 15 जुलाई को नहीं होंगे पंचायत चुनाव।

उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अब 10 और 15 जुलाई को नहीं होंगे पंचायत चुनाव।

धामी सरकार को लगा बड़ा झटका , जानिए कारण।

 

देहरादून:- उत्तराखंड की धामी सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान अब 10 जुलाई को नहीं होगा। जिस पर हाईकोर्ट ने आरक्षण नियमावली का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने पर रोक लगा दी है।

पंचायत चुनाव को लेकर सियासत थी तेज:

गौर हो कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज थी. लेकिन ऐन वक्त में हाईकोर्ट ने आरक्षण नियमावली का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी है। जिसे धामी सरकार को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। धामी सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पूर्व में तैयारियां पूरी कर ली गई थी।

10 व 15 जुलाई को होना था मतदान: जबकि 21 जून को अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे प्रदेश में आचार संहिता लागू कर दी गई थी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दो चरणों में होना था। पहले चरण के लिए मतदान 10 व 15 जुलाई को होना था, जबकि मतगणना 19 हो होनी थी. लेकिन हाईकोर्ट की रोक के बाद अब 10 व 15 जुलाई को मतदान नहीं होगा।

उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर रोक: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु निर्धारित किये गए आरक्षण के रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने आरक्षण को नियमों के तहत तय नहीं पाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ में सरकार से जवाब पेश करने को कहा है।

बीते शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति से अवगत कराने को कहा था। परन्तु राज्य सरकार आज स्थिति से अवगत कराने में असफल रही है। कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने चुनाव की तिथि निकाल दी। जबकि मामला कोर्ट में चल रहा है। जिस पर कोर्ट ने पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

इन्होंने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई. साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव हेतु लागू आरक्षण रोटशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं।

याचिका में ये दिया गया था कारण: याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। जिस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने खण्डपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। जबकि एकलपीठ के समक्ष केवल 11 जून के आदेश जिसमें अब नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख है, को चुनौती दी गई है।

21 जून को जारी हुई थी चुनाव की अधिसूचना:
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया था कि राज्य सरकार की ओर से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेज दी गई थी। ऐसे में पंचायती राज सचिव की ओर से चुनावी अधिसूचना 21 जून को जारी होने के बाद आज 23 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव की सूचना जारी करनी थी। लेकिन उसके पहले ही आज नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी है।