घनसाली:- आज दिनांक:-17-10-2024 को आदिकवि, महाकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती को पर्यावरण मित्रों के द्वारा नगर पंचायत घनसाली के पुराने कार्यालय भवन में बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इस सुअवसर पर “इंद्रमणी बड़ोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली” के संयोजक एवं ख्यातिलब्ध, सुनाम धन्य लोकप्रिय कवि बेलिराम कंसवाल के द्वारा महर्षि वाल्मीकी जी को पहली संस्कृत कविता (आदिकाव्य) के रचयिता, जिसे दुनिया भर में महाकाव्य रामायण (भगवान राम की कहानी) के रूप में जाना जाता है, इसलिए उन्हें आदिकवि या प्रथम कवि – भारत के कवियों का कवि कहा जाता है।
मा निषाद प्रतिष्ठांत्वम् गमः शाश्वतीः समाः।
यत्क्रौंच मिथुनादेकम् अवधि: काममोहितम् ।।
अर्थात्:- हे निषाद ! तुमको अनंत काल तक प्रतिष्ठा, शांति न मिले, क्योंकि तुमने प्रेम, प्रणय-क्रिया में लीन असावधान क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक की हत्या कर दी।
वाल्मीकि जी के अंतर्मन क्रोध और दुःख से निकला हुआ, यह संस्कृत का पहला श्लोक के रूप में प्रख्यात है तथा उन्होंने वाल्मीकि जी पर अपनी एक कविता “आदिकवि की गाथा का मैं कितना गुणगान करूं ,
नतमस्तक हो सबसे पहले, चरणों में प्रणाम करूं…. कविता की प्रस्तुति दी गयी..
इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष एडवोकेट लोकेन्द्र दत्त जोशी, उपाध्यक्ष आर.वी.सिंह, मीडिया प्रभारी बॉबी श्रीवाल, सांस्कृतिक मंत्री प्रकाश बिज्लवाण, नगर पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष शंकरपाल सिंह सजवाण, व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ0 नरेंद्र डंगवाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास सेमवाल, निवर्तमान सभासद सुरवीर रावत, निवर्तमान सभासद यशपाल सिंह पंवार, भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष संदीप बड़ोनी, रुकम लाल राई , सभी पर्यावरण मित्र इत्यादि महानुभाव प्रबुद्धजन सहित बड़ी संख्या मे लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मंच संचालन इंद्रमणी बडोनी कला एवं साहित्य मंच के महामंत्री विनोद लाल शाह द्वारा किया गया ।