रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल,घनसाली
घनसाली:- भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा योजना राज्य सरकार व जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण ग्रामीण आंचलों में दम तोड़ने लगी है। जिसकी हकीकत प्रदेश के सबसे बड़े विकासखंड भिलंगना में देखी जा सकती है। जहा पर जाबकार्ड धारकों को चार माह बाद भी उनकी मजदूरी नहीं मिल पाई है। जिससे अब मनरेगा मजदूरों का योजना से विश्वास उठने लगा है। मनरेगा मजदुर की मजदूरी न आने के कारण मजदूरों को इस बार दीपावली,दशहरा जैसे त्योहारों में बिना मजदूरी के निराश होना पड़ा है। लोगो ने शीघ्र मजदूरी न देने पर जिला मुख्यालय में धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।
आपको बता दें कि देश में वर्ष 2005 में मनरेगा योजना शुरू की गई थी।
जिसका मुख्य उद्देश्य यह था कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार महिला-पुरुषों को रोजगार से जोड़कर उनकी आर्थिकी को मजबूत करना था। जिसमें सबसे अधिक धन राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार खर्च करती है और कुछ अंश राज्य सरकार देती है। जिसमें सरकारी नियमों के अनुसार गांव में कार्य करने वाले मनरेगा जॉबकार्ड धारक को 14 दिनों के भीतर उसके बैंक खाते में सीधे मजदूरी डाली जाती है जिससे उसे काम के बदले मजदूरी मिल सके लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीण इलाकों में योजना का सही ढ़ंग से लोगो को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण प्रदेश के सबसे बड़े विकासखंड भिलंगना में देखा जा सकता है। जहां पर 182 ग्राम पंचायत है हर गांव में मनरेगा श्रमिको ने योजना के तहत विभिन्न कार्यों पर काम किया है लेकिन मजदूरों को पिछले 5 अगस्त 2021 से वर्तमान तक उनके बैंक खातो में एक रुपया तक नहीं डाला गया है जबकि काम किए हुए 4 माह का समय बीत गया है। मनरेगा श्रमिक रजनी देवी,प्यार सिंह, सरोप सिंह,गुड्डू लाल,विनोद,सुनीता देवी, कुशला देवी आदि श्रमिकों का कहना है कि उनके द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत पिछले अगस्त माह में कार्य किया गया था लेकिन 4 माह बाद भी उन्हें एक मजदूरी नहीं मिल पाई है जिससे इस बार दीपावली, दशहरा आदि कई त्यौहार पर भी सरकार व प्रशासन द्वारा श्रमिकों का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे गांवो में लोग मनरेगा योजना में कार्य करने से कतरा रहे है। ऐसे में सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना कैसे परवान चढ़ पाएगी।
वहीं मनरेगा श्रमिको ने शीघ्र भुगतान न करने पर जिला मुख्यालय में धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।
वहीं इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी नमामी बंशल का कहना है कि मजदूरों के भुगतान के लिए लगातार शासन स्तर पर वार्ता की जा रही है श्रमिको के भुगतान के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है जल्द ही श्रमिको को उनकी मजदूरी मिलने की उम्मीद है।