रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल,घनसाली
घनसाली:- सरकारी धन को किस कदर ठिकाने लगाना है अगर यह देखना है तो विकासखंड भिलंगना के दूरस्थ गांव सीतकोट में बने लाखो रुपए के मत्स्य पालन टैंक की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। जहां पर लाखो रुपए खर्च होने बावजूद भी टैंक सफेद हाथी साबित हो रहा हैं। वर्षों पूर्व बने लाखो रुपए की लागत से इस टैंक से कोई लाभ नहीं मिल पाया है।
आपको बता दें कि विकासखंड भिलंगना के सीताकोट गदेरे में मत्स्य पालन विभाग की तरफ से क्षेत्र की प्रगतिशील समिति को इसके निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन समिति ने भी सरकारी धन को ठिकाने लगाने की नियत से सीटकोट गांव के पास गदेरे में मत्स्य पालन विभाग की सहायता से वर्ष 2017-2018 में 20 लाख रूपए खर्च कर टैंक का निर्माण किया था। लेकिन विभाग कि लापरवाही के कारण उक्त टैंक का पांच वर्ष बाद भी कोई लाभ नहीं मिल पाया है। और न ही समिति ने उसके रखरखाव की जवाबदेही समझी है। जिससे आज उक्त जगह पर बने मत्स्य टैंक से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। लाखों रुपए की लागत से बना यह टैंक अब कार्यदाई संस्था और विभाग कि लापरवाही के कारण सफेद हाथी साबित हो रहा हैं।
वहीं इस मामले में जिला मत्स्य अधिकारी गरिमा मिश्रा का कहना है कि यह टैंक पिछले पांच साल से बना हुआ है लेकिन कुछ तकनीकी खामियों और गदेरे में पानी की कमी के चलते उससे मछली पालन नहीं हो पाया है। जल्दी ही उसमें मछली के बीज डाले जाएंगे।