देहरादून:- उत्तराखंड में अपात्र लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मामले में सभी जिलाधिकारियों को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने सभी प्रमुख सचिवों, मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को दिए निर्देश में कहा, शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि कुछ मामलों में ऐसे व्यक्तियों को भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं जो उस वर्ग या श्रेणी में पात्र नहीं हैं।
शासन ने यह निर्णय लिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं इसके लिए बने मानकों की अनिवार्य रूप से जांच की जाए।
निरीक्षण और जांच तहसीलदार से नीचे के स्तर के अधिकारी से न कराई जाए। जांच के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाए। जांच में यदि यह पाया जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण पत्र अवैध एवं नियम विरुद्ध बनाया गया है, तो प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए संबंधित व्यक्ति एवं अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
इनके नहीं बन सकते प्रमाणपत्र
● जिसके पास कृषि भूमि पांच एकड़ या इससे अधिक है।
● आवासीय भवन 1000 वर्ग फुट या उससे अधिक है।
● नगर क्षेत्र में 100 वर्ग गज या उससे अधिक आवासीय भूखंड है।
● नगरपालिकाओं के अलावा अन्य क्षेत्र में 200 वर्ग गज या इससे अधिक भूखंड है।
● जिस परिवार की वार्षिक आय आठ लाख से अधिक है।