घनसाली:- जनपद टिहरी गढ़वाल के गांव खाल पाली, कोटी, विकासखंड भिलंगना के युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट ने अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट किलिमंजारो पर सफलतापूर्वक आरोहण कर भारत के तिरंगा को लहरा कर जंहा एक ओर उतराखंड के साथ भारत की शान को बढ़ाया वंही दूसरी तरफ पर्वत रोहण के एडवांस प्रशिक्षण” द्रोपदी का डांडा ” के दोरान दुर्घटना में मृतक साथियों को भी उनकी फोटो के साथ उनको श्रद्धांजली दी ।
रोहित भट्ट को यह सफलता 28 जनवरी की सुबह 6:00 बजे मिली।
आपको बता दें कि किलिमंजारो शिखर की ऊंचाई 5895 मीटर अर्थात 19341 फीट है। यह शिखर तंजानिया देश में स्थित है। ठीक भूमध्य रेखा पर स्थित यह एक ज्वालामुखी शिखर है। ज्वालामुखी इतिहास काल में निष्क्रिय ही रहा है।
युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट 4 अक्टूबर 2022 के दिन नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एडवांस प्रशिक्षण के दौरान द्रोपदी का डांडा दुर्घटना में बाल-बाल बचा था। उस दुर्घटना में उसके अधिकांश प्रशिक्षणार्थी साथियों की दुखद मृत्यु हो गई थी। रोहित ने तत्काल बचाव और राहत के दौरान अपने कुछ साथियों को बचाया और बाद में कुछ के शव को खाई से निकालने में रेस्क्यू टीम की मदद की।
खास बात यह भी है कि रोहित अपने उन साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके फोटो वाले एक बैनर को साथ लेकर गया
अफ्रीका के किलिमंजारो शिखर पर आरोहण की योजना रोहित की उससे पहले ही बन गई थी। युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट के माउंट किलिमंजारो पर फतह की खबर मिलते ही उनके घर गांव तथा क्षेत्र में खुशी व गर्व का माहौल है। विभिन्न सामाजिक संगठनों व जन प्रतिनिधियों ने उनके इस गौरव शाली साहसिक कार्य के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी है।
गौरतलब ही कि माउंट किलिमंजारो का सफर तय करने के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट के पिता जगदम्बा प्रसाद भट्ट ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि यह हमारे देश व उतराखंड के लिए काफी गौरवमयी उपलब्धि है। उन्होंने सभी का आभार प्रकट किया।
