देहरादून:- उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्टर कर्मचारियों ने आज 27 सितंबर को वेतन विसंगति के संबंध में वेतन विसंगति समिति उत्तराखंड के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के साथ मुलाकात कर वार्ता की।
उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्टर कर्मचारियों का कहना है कि राजस्व विभाग के अंतर्गत लिपिक संवर्ग में कार्यरत कर्मचारीगणों को जिला मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट, उपजिला मजिस्ट्रेट एवं तहसील कार्यालयों/न्यायालयों में विभिन्न पटलों पर कार्यरत रहते हुए राजस्व मैनुअल में 01 से 44 तक विभाग उल्लिखित है। उक्त विभागों से संबंधित कार्यों को जिलाधिकारी कार्यालय के विभिन्न पटल सहायकों द्वारा संपादित किया जाता है। जिलाधिकारी कार्यालय के एक पटल से संबंधित सहायक को विभिन्न विभागों से संबंधित कार्य आवंटित होते हैं। प्रत्येक पटल से संबंधित कार्मिक को प्रत्येक विभाग से संबंधित नियमों, अधिनियमों, शासनादेशों एवं विभाग के ढांचे, विभाग से संबंधित जन समस्याओं व उनके निराकरण की पूर्ण जानकारी रखनी होती है।
उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्टर कर्मचारियों द्वारा अपनी इस प्रकार की कई समस्याओं के संबंध में वार्ता की गई। वार्ता में संगठन की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजभूषण बिजलवान द्वारा उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यात्मक वार्ता और अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया। वार्ता में अध्यक्ष द्वारा यह स्वीकार किया गया कि कलेक्ट्रेट में अन्य विभागों की अपेक्षा विशिष्ट कार्य एवं सचिवालय पैटर्न के अनुसार कार्य किया जाता है तथा कलेक्ट्रेट का कार्य कार्यालय एक विशिष्ट कार्यालय है। वार्ता में संगठन द्वारा अपना पक्ष रखते हुए यह स्पष्ट किया गया कि कलेक्ट्रेट को एक विशेष विभाग का दर्जा देते हुए पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कलेक्ट्रेट में मिनिस्टर कर्मचारियों के सीधी भर्ती के पद के वेतनमान को 29200-92300 (लेवल 5) मे संशोधित किया जाए। वार्ता के बाद संगठन द्वारा मिनी सचिवालय की मांग के समर्थन में दीपक जोशी अध्यक्ष सचिवालय संघ से भी पृथक से मुलाकात कर अपनी इस मांग के संबंध में समर्थन प्राप्त किया गया।
वार्ता में केशव गैरोला प्रांतीय महामंत्री, उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ एवं बृजभूषण बिजल्वाण वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदि मौजूद थे ।