ब्रेकिंग:- टिहरी का यह 200 साल पुराना पुल आवाजाही के लिए पूर्णतः बंद, लोगों में भारी आक्रोश।

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

टिहरी गढ़वाल/ श्रीनगर:- टिहरी-पौड़ी जनपद को जोड़ने वाला 200 साल पुराना देवप्रयाग पुल बंद कर दिया गया है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं लोग बड़ी संख्या में पुल बंद होने को लेकर प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। लोगों ने कहा कि पुल बंद होने से उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए 3 से 4 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि किसी जमाने में ब्रिटिश गढ़वाल की राजधानी यानी पौड़ी को टिहरी रियासत को जोड़ने वाले एकमात्र पुल अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। इस पुल पर चढ़कर अब कोई यह नहीं कह सकता कि उसने 200 साल पुराने किसी पुल पर कदम रखा है। बताया जाता है कि यह पुल आज से करीब 200 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था।

पीडब्ल्यूडी देवप्रयाग की रिपोर्ट अनुसार टिहरी और पौड़ी जिले को जोड़ने वाला 200 साल पुराना देवप्रयाग झूला पुल काफी जर्जर हालत में है। जिसकी वजह से इस पुल पर आवाजाही बंद की गई है। पुल के दोनों ओर 8 फीट ऊंची दीवार बनाकर बंद कर दिया गया है। वहीं, पुल बंद होने के बाद अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग निर्धारित नहीं किया गया है। जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष है और वह इसको लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जनता के भारी विरोध के बाद दोनों जनपदों की तरफ से तहसीलदार और पुलिस मौके पर पहुंचे। दोनों ने जनता को काफी देर समझाया बुझाया, लेकिन स्थानीय कोई दूसरा मार्ग नहीं देने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
आपको बता दें कि 200 साल पुराना देवप्रयाग झूला पुल काफी जर्जर हालत में है। जिसको लेकर डीएम पौड़ी के निर्देश पर पुल को बंद करने की कार्रवाई की गई है।

वहीं देवप्रयाग के नगर पालिकाध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने डीएम से मुलाकात की। उन्होंने कहा पुल को शीघ्र ही खोलकर उसे पूर्व की भांति सुचारु किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों ने पुल को खोले जाने के लिए बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की है। जिसमें पहले तो चक्काजाम व क्रमिक अनशन तथा उसके बाद चरणबद्ध तरीके के मशाल झुलूस, पुतला दहन व आमरण अनशन तक किये जाने की तैयारी है। कहा कि जिला प्रशासन पुल को खोलते हुए उसके दोनों किनारों पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर तय संख्या में लोगों को पुल से आवागमन करने की इजाजद दे।
वहीं डीएम डॉ. आशीष चौहान ने शिष्टमंडल की मांग के मद्देनजर लोनिवि से पुन: पुल का निरीक्षण करने की बात कही। डीएम ने कहा कि लोगों की इच्छा के अनुरूप ही कार्य किया जाएगा।