ब्रेकिंग:- देश एवं प्रदेश को रोशन रखने वाले जनपद का कुछ हिस्सा अक्सर अंधेरे में, ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक पर लगाए अनदेखी का आरोप।

उत्तरकाशी उत्तराखंड जन समस्या ब्रेकिंग न्यूज

 

उत्तरकाशी:- देश-प्रदेश को बिजली से रोशन रखने वाला जनपद उत्तरकाशी का कुछ हिस्सा अक्सर अंधेरे के साये में जीने को मजबूर है।
संचार और तकनीक की दुनिया में जहां लोगों देश, विदेशों मे ऑनलाइन व्यवसाय से जुड़े हैं तो वहीं अपने परिजनों से बात करने के लिए भी दूरसंचार का ही माध्यम है। लेकिन उत्तरकाशी का गाजणा क्षेत्र अक्सर विद्युत विहीन रहता है। गाजणा पट्टी के मट्टी धनेटी हो या धौंतरी कमद हो इन क्षेत्रों में महिनों में सिर्फ गिनती के दिनों ही विद्युत व्यवस्था सुचारू रहती है। जबकि अधिकांश दिनों में क्षेत्र के लोग अंधेरे में ही रहते हैं। वहीं लोगों को अपने परिजनों से संपर्क करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि गाजणा क्षेत्र में महीने में 15 से 20 दिन ही विद्युत व्यवस्था सुचारू रहती है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि बारिश, तूफान वा बर्फबारी होने से चौरंगीखाल में विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है जिस कारण अधिकांश दिनों विद्युत आपूर्ति ठप बनी रहती है । वहीं ग्रामीणों ने विद्युत विभाग पर आरोप लगाया कि उत्तरकाशी जनपद का विद्युत विभाग सबसे सुस्त अधिकारियों और कर्मचारियों से भरा पड़ा है, यहां अगर गांव के ट्रांसफार्मर से कभी फ्यूज उड़ जाए तो कम से कम 3 से 5 दिन बाद विभाग के लोग ठीक करने आते हैं, जबकि अगर कहीं लाइन पर पेड़ गिर जाए तो 10 से 15 दिन बाद विभाग की नींद जागती है।
वहीं ग्रामीणों ने स्थानीय प्रतिनिधियों और क्षेत्रीय विधायक पर भी आरोप लगाया कि गाजणा क्षेत्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है यहां के नेता सिर्फ चुनाव के वक्त ही दिखते हैं बाकी अधिकांश समय यहां के नेता देहरादून और अन्य शहरों में बिताते हैं। जिस कारण क्षेत्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
वहीं धौन्त्री क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां विद्युत व्यवस्था के साथ-साथ दूरसंचार व्यवस्था के भी बुरे हाल हैं, ग्रामीणों का कहना है यहां जैसे ही लाइट चली जाती है तो दूरसंचार व्यवस्था भी ठप हो जाती है, ग्रामीणों का कहना है कि यहां के मोबाइल टावर सिर्फ विद्युत व्यवस्था पर ही निर्भर है, जैसे ही बत्ती गुल हो जाती है तो मोबाइल से नेटवर्क भी ठप्प हो जाता है।