टिहरी गढ़वाल:- जनपद के नगर पंचायत चमियाला और घनसाली के कूड़ा डंपिंग जोन को लेकर रियासत गरमाई दिखाई दे रही है। अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व ढुंगमंदार के जनप्रतिनिधियों द्वारा जिलाधिकारी टिहरी को घोंटी पुल के पास कूड़ा डंपिंग जोन न बनाए जाने हेतु ज्ञापन दिया गया। उन्होंने जिलाधिकारी से मुलाकात कर कूड़ाघर अन्यत्र बनाने की मांग की। डीएम ने जनप्रतिनिधियों को समस्या के निराकरण का भरोसा दिया।
ढुंगमंदार के जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा गया है कि चमियाला और घनसाली भिलंगना विकासखंड का हिस्सा है जबकि जिस स्थान का चयन किया गया है वह जाखणीधार विकासखंड क्षेत्र में आता है। ग्राम पंचायत से भी इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है। उन्होंने घोंटी में कूड़ाघर नहीं बनाने की मांग की। डीएम डा. सौरभ गहरवार ने जनप्रतिनिधियों को जल्द ही समस्या का समाधान निकलने की बात कही है।
वहीं एडवोकेट व सामाजिक कार्यकर्ता लोकेंद्र दत्त जोशी ने अपने सोशल मीडिया में कूड़ा डंपिंग जोन को लेकर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि कल से एक खबर पढ़ रहा हूँ कि घनसाली एवं चमियाला नगर पंचायत का कूड़ा ढुंगमंदार के मुख्य द्वार घोण्टी पुल के समीप न डाला जाय। इस तरह की सस्ती बयान बाजी से बड़ा आश्चर्य होता है। मैं आप सभी सम्मानित मित्रों और शासन प्रशासन के संज्ञान में लाना चाहता हूँ। सम्मानित आक्रोशित जनप्रतिनिधियों से विनम्रता पूर्वक अनुरोध करते हुए कहता हूँ कि ईमानदारी से बात की जाय तो चमियाला एवं घनसाली दोनों नगर पंचायत के अंतर्गत रहने वाले दुकानदार, एवं अन्य व्यवसायियों के साथ भूमि और भवन स्वामी उनके किरायेदार व स्कूल कालेजों के शिक्षार्थियों सहित कुल आबादी का अधिकांश हिस्सा ढुंगमंदार क्षेत्र के ही मूल निवासियों का ही है और पीढ़ियों से निवासरत होने के साथ-साथ अपने आवास भी निर्मित कर यहाँ सर्वाधिक राजनीतिक,आर्थिक एवं सामाजिक हित लाभ पूरे लोभ लालच के साथ ले रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि दूसरी ओर घनसाली मेंन बाजार आवागमन का प्रमुख केंद्र होने के कारण ढुंगमंदार क्षेत्र का एक मात्र बाजार घनसाली है। जिससे वहाँ के जन सामान्य की आवाजाही भी प्रत्येक दिन अधिक है। अगर हम थोड़ा आगे बढ़ कर चलें तो टोटल आबादी का अनुमानित 50 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या ढुंगमंदार क्षेत्र की ही है जो कि राजनीतिक दृष्टि से भी प्रतापनगर और घनसाली में अपना अच्छा खशा वजूद मानते हैं तो स्वभाविक है कि घनसाली और चमियाला दोनों नगर पंचायतों के अंदर कूडे की मात्रा/ प्रतिशत भी अधिक होना भी कुल आबादी का होना लाजमी है।
सुनने और पढ़ने में आया है कि, घनसाली और चमियाला नगर पंचायत के द्वारा कूड़े के निस्तारण हेतु घोण्टी पुल के आस-पास का कोई भू भाग चयनित किया गया है। घोण्टी और आस-पास का क्षेत्र वर्तमान समय में कम आवादी रहित क्षेत्र है किंतु उसका विरोध घनसाली में ही निवास करने वाले जन प्रतिनिधियों के द्वारा क्षेत्र विशेष को आधार मान कर किया जा रहा है। और खबर है कि सम्मानित जनप्रतिनिधियों का एक बड़ा शिष्ट मण्डल जिलाधिकारी से वार्ता के बाद अस्वस्त हो कर लौटा है। विचारणीय है कि क्या सही है क्या गलत ?
दोनों नगर पंचायतों के अन्तर्गत निवासरत नागरिकों का यही मानना है कि, कूड़ा का निस्तारण होना बहुत आवश्यक है। और सभी लोग यह भी अच्छी तरह से जानते हैं कि जिस जगह पर वर्तमान समय में कूड़ा डाला जाता है, वह स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से बहुत खतरनाक है। वर्तमान समय में घनसाली-चमियाला मोटर मार्ग पर जिस स्थान पर कूड़ा डाला जाता है वह स्थान सड़क से लगा हुआ बहुत संकरा और पहाड़ी के पास है। कूडे पर जंगली जानवर बन्दर आदि के साथ अवारा पशु अपना चुगान करते हैं और उक्त स्थल से पैदल अथवा दुपहिया वाहनों पर आवागमन करने वाले नागरिकों जिनमे छात्र,महिलाएं,बुजर्ग भी होते हैं, पर जानवर झपटते अथवा पीछा करते हैं अथवा लोग भय से बचने के लिए भागते हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
जोशी ने कहा है कि व्यापक जनहित में मेरा सुझाव है कि चयनित स्थल स्वास्थ्य एवं अन्य विशेष कारणों से ठीक न हो तो क्षेत्र विशेष का राजनीतिक रंग देकर अनावश्यक विरोध किया जाना गलत है। और यदि ऐसा है तो स्थानीय प्रशासन ठोस निर्णय लेकर कूडे का निस्तारण हेतु सुरक्षित और उपयुक्त स्थल पर कूड़ा निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही तत्काल अमल में लेकर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करे।
इस अनुरोध के साथ कि इसको सस्ती लोकप्रियता और ओछी राजनैतिक दृष्टि से न देखा जाय तो उचित होगा। और कूड़ा निस्तारण की विकट समस्या का हल शीघ्र निकाला जाना आवश्यक है। मेरा उद्देश्य दोनों नगर पंचायतों से कूडे का निस्तारण से है जिसमे सबकी न्यायप्रिय भागीदारी होनी आवश्यक है। राज्य अपना है लोग अपने हैं। सता नजदीकी के लाभ लेना है तो कुछ नुकसान भी उठाने पड़ते हैं।
कृपया अन्यथा न लें ।
“सादर”
लोकेंद्र जोशी एडवोकेट