ब्रेकिंग:- नगर पंचायत घनसाली में तैनात पर्यावरण मित्रो की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन भी जारी, अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर कर रहे है लंबे समय से सरकार से मांग।

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल ब्रेकिंग न्यूज

रिपोर्ट:- दीपक श्रीयाल घनसाली

घनसाली:- नगर पंचायत घनसाली में कार्यरत सफाई कर्मचारियों तथा पर्यावरण  मित्रों की अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य वहिष्कार व अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रखी हुई है।
घनसाली नगर पंचायत में ठेकेदारी प्रथा पर तैनात सफाई कर्मचारी व डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले सफाई कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर रखी है जिसेसे बाजार में गंदगी का अंबार लगने लगा है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि भारत सरकार जहा स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश में सफाई अभियान चलाकर नगर से लेकर मा गंगा को स्वच्छ रखने में लगातार कार्य कर रही है वहीं प्रदेश सरकार उनकी उपेक्षा करने में लगी है जबकि नगर पंचायत में तैनात पर्यावरण मित्रो के द्वारा कोरोना महामारी में अपनी जान कि परवाह किए कार्य किया गया है उस के बावजूद भी सफाई कर्मचरियों की कोई सुथ नहीं ली जा रही है। देवभूमी उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ की शाखा घनसाली के नगर अध्यक्ष रविंद कुमार,रोहित,भूपेंद्र, विशंबर आदि सफाई कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार से उत्तराखंड सफाई महासंघ अपनी मांग ठेकदारी प्रथा से हटा कर राज्य कर्मचारी घोषित, सफाई कर्मचारी को सफाई सैनिक, नगर पंचायतो में आवास की व्यवस्था,वाहन भत्ता,मृतक सफाई कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को नौैकरी व पेंसन आदि दी जाने सहित 11 सूत्रीय मांगो को लेकर वर्ष 2018 से प्रदेश सरकार से गुहार लगाते आ रहे है लेकिन उन की कोई सुध नहीं ली जा रही है जिस से सभी सफाई कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रखी है। जिससे अब नगर पंचायत घनसाली में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है बाजार के गली व चौराहों पर कूड़े कचरे के ढेर लगाने शुरू हो गए है। जल्दी ही हड़ताल पर गए सफाई कर्मचारियों की  सुध नहीं ली गई तो लोगो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हड़ताल पर बैठने वाले सफाई कर्मचारियों में रोहित कुमार,सुरेश कुमार,सोनपाल,अंकित आदि शामिल है।

नगर पंचायत घनसाली में जगह जगह कुछ इस तरह से लगने लगे है कूड़े के ढेर।