देहरादून:- उत्तराखण्ड राज्य को बने पच्चीस वर्ष पूरा हो रहा है इस राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम को “देवभूमि रजतोत्सव” के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया अवसर पर कई महर्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम को “देवभूमि रजतोत्सव” के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है । मुख्यमंत्री ने कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। रूपरेखा अनुसार आगामी 6 नवंबर को दिल्ली में उत्तराखण्ड भवन के लोकार्पण, 7 नवंबर को देहरादून में आयोजित होने वाले उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन, 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस तथा 12 नवंबर तक “देवभूमि रजतोत्सव: उत्तराखण्ड रजतगाथा” से संबंधित कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित किए जाएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तराखण्ड के जनमानस, यहां की मिट्टी से प्रेम करने वाले प्रवासियों और उत्तराखण्ड के विकास में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भागीदार बनने की चाहत रखने वाले युवा, महिला, किसान, कारीगर, पर्यावरणविदों, राज्य आंदोलनकारियों सहित सभी को “देवभूमि रजतोत्सव: उत्तराखण्ड रजतगाथा” में भागीदार बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्षों से उत्तराखण्ड हर एक क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है इसीलिए 6 नवंबर से 12 नवंबर तक विभिन्न दिवसों में समाज के विभिन्न पक्षों को आमंत्रित किया जाए तथा उनसे जुड़ी प्रेरक गतिविधियों को संपादित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखण्ड की विकासगाथा में सभी की सक्रिय भागीदारी चाहते हैं और हमारे लिए सभी के विचारों का व्यापक महत्व है।उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक क्विज प्रतियोगिता तथा महिला, किसान, वेंडर, स्वच्छकार, युवा, प्रवासियों सभी के लिए विशेष सम्मेलन शिविर व कैंप इत्यादि आयोजित किए जाएं ताकि सभी प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहे उत्तराखण्ड की विकासगाथा के साक्षी बन सके।
“देवभूमि रजतोत्सव: उत्तराखण्ड रजतगाथा” का 9 नवंबर 2024 को देहरादून में मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ किया जाएगा तथा एक वर्ष तक चलने वाले इस पर्व का 2025 में कुमाऊं मंडल में समापन किया जाएगा।