टिहरी/घनसाली:- पहाड़ों में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होना अब एक आम बात हो गयी है आये दिन कई लोगों को मोटरमार्ग के खस्ताहाल के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। कई परिवार हमेशा के लिए समाप्त हो गए हैं तो कई लोग उम्रभर के लिए विकलांग हो जाते हैं। वाहनों का दुर्घटित होना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अब आम बात की तरह हो चुका है लेकिन सरकार और प्रशासन के पास इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हो पाया है।
सरकार विकास के दावे तो लाख करती है लेकिन धरातल पर कभी कुछ नहीं दिखता।
जी हाँ ऐसा ही कुछ मामला है टिहरी गढ़वाल विकास खंड भिलंगना स्थित शहीद विनोद पाल सिंह बिष्ट छतियारा-खवाड़ा मोटर मार्ग का, इस मार्ग का नाम सरकार ने शहीद के नाम से तो रख दिया लेकिन जब हर कोई इस मार्ग से सफर करता है तो उसे भी दुख होता है कि शहीद के नाम पर भी इतना बड़ा मज़ाक हो सकता है।
आपको बताते चलें कि विगत दिवस रविवार देर शाम को स्थानीय बाजार चमियाला से गांव की तरफ सामान ले जाते वक्त एक पिकअप वाहन छतियारा गांव के पास गदेरा में अनियंत्रित होकर पलट गया, गनीमत रही कि वाहन में सिर्फ चालक था जो सुरक्षित बताया जा रहा है।
वहीं आपको बता दें कि इस मोटरमार्ग पर अब तक कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। जबकि 4 साल पहले तीन लोग वाहन दुर्घटना में इसी मोटरमार्ग पर अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन सरकार और प्रशासन व लोक निर्माण विभाग आज तक इस घटना से सबक नहीं ले पाया और हर समय दुर्घटनाओं का इंतजार करते रहते हैं।
वहीं आपको बताते चलें कि इस मोटर मार्ग से बासर पट्टी के 32 गांव सहित ये मार्ग विनयखाल, तिनगढ़ तक हजारों लोगों के आवागमन का मुख्य मार्ग बन चुका है लेकिन खस्ताहाल मोटरमार्ग पर हादसों की कमी में कोई गिरावट नहीं आई है।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि निकम्मे जनप्रतिनिधियों और बेरुखी सरकार के आगे हम सिर्फ विवश है।