देहरादून:- उत्तराखंड में सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारू करने के लिए शासन ने सभी शिक्षकों की संबद्धता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी है। ऐसे शिक्षकों को तुरंत मूल विद्यालयों में लौटना ही होगा। शिक्षा सचिव राधिका झा ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किए है।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार बीते माह अगस्त से उच्च प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक सभी विद्यालयों को खोल चुकी है। तकरीबन डेढ़ साल बाद विद्यालयों में आफलाइन पढ़ाई शुरू होने का असर दिखाई दे रहा है। आनलाइन पढ़ाई का विकल्प होने के बावजूद 70 फीसदी से ज्यादा छात्रों ने विद्यालयों में जाने का विकल्प चुना। पर्वतीय जिलों में तो विद्यालय जाने वाले छात्रों की संख्या 80 फीसदी से ज्यादा है। इन जिलों में आनलाइन पढ़ाई का फायदा अपेक्षाकृत कम मिला है।
बीते दिनों सरकार के निर्देश पर विद्यालयों की जांच में शिक्षक भी गैर हाजिर मिले थे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने पढ़ाई सुचारू करने के लिए शिक्षकों का संबद्धीकरण समाप्त करने के निर्देश दे चुके हैं। शिक्षा सचिव ने इन निर्देशों पर अमल करते हुए शिक्षा महानिदेशक और माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी किए है। आदेश में उन्होंने कहा कि कई राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों को मूल तैनाती से इतर विद्यालयों, संस्थाओं और कार्यालयों में अग्रिम आदेश तक संबद्ध किया गया है। संबद्धता की वजह से पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। लिहाजा संबद्धता को तत्काल रद कर शिक्षकों को मूल तैनाती स्थल पर भेजा जाए।
देखिये आदेश