देहरादून:- उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी, तुषार चौहान, भावेश जगूड़ी और अंकित रमोला को जमानत मिल गई है।
एडीजे चतुर्थ आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत से इनको जमानत मिल गई है। जबकि, हाकम सिंह समेत जिन 21 आरोपियों पर गैंगस्टर लगा है, उनमें से किसी को जमानत नहीं मिली है।
इस मामले में अब तक 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही 28 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी, तुषार चौहान, भावेश जगूड़ी और अंकित रमोला को जमानत मिली है। जमानत को लेकर कोर्ट में दो दिनों तक बहस हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि दिनेश चंद्र जोशी के पास से कोई धनराशि नहीं मिली है।
एक-एक लाख के दो-दो जमानती प्रस्तुत करने पर मिली जमानत
अदालत ने चारों को सशर्त जमानत दी है। इनमें से किसी को भी देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। जिस वक्त जांच अधिकारी कहेगा, हाजिर होना पड़ेगा। वहीं, एसटीएफ का कहना है कि जमानत न्यायिक प्रक्रिया है। 28 मूल आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
आरोप है कि 80 लाख रुपये में अभ्यर्थियों को पेपर बेचा है लेकिन इसका भी कोई पर्याप्त सबूत एसटीएफ पेश नहीं कर सकी। पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी से धन की रिकवरी न होना जमानत का आधार बना। सभी को एक-एक लाख रुपये के दो-दो जमानती पेश करने पर ही जमानत मिली। मामले में हाकम सिंह के अधिवक्ता ने भी जमानत की अर्जी दाखिल की थी मगर न्यायालय ने उसकी अर्जी नामंजूर कर दी।