पिथौरागढ:- भारी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में हर जगह से भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं रविवार देर रात धारचूला के जुम्मा में भीषण भूस्खलन से 7 घर जमींदोज हो गए हैं। बताया जा रहा है कि 9 लोग मलबे में दफन हो गए हैं, जबकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2 शव बरामद भी किए जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार आपदा नेपाल में बादल फटने से आई है। आपदा से आंतरिक मार्ग के साथ धारचूला तपोवन में एनएचपीसी के दो आवासीय परिसर काली नदी में समा गए हैं। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत बचाव कार्य चल जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला पिथौरागढ़ जनपद के सीमांत क्षेत्र का है जहां रविवार देर रात सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची है। पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के टीम राहत बचाव में जुटी हुई हैं। वही बादल फटने से कई मकान मलबे में दब गए हैं। बादल फटने से 280 मेगावाट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के तपोवन स्थित प्रशासनिक भवन के पास काली नदी का पानी जमा हो गया है। नदी किनारे स्थित दो भवन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है।
वहीं घटना के बाद डीएम पिथौरागढ़ ने जिला आपदा परिचालन केन्द्र में आईआरएस के अधिकारियों के साथ बैठक की। एनएचपीसी पर झील बनने से खतरा और बढ़ सकता है, एनएचपीसी की कॉलोनी में भी पानी भर गया है, ऐसे में प्रशासन ने वहां भी टीम भेज दी है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश के कारण पहले से ही धारचूला के आगे के कई स्थानों पर सड़क मार्ग पहले से ही ध्वस्त हो रखे हैं। ऐसे में मौके पर पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ में बादल फटने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।