उत्तरकाशी:- जनपद के डुंडा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत टिपारा के कुमारकोट तोक में अनुसूचित जाति की विधवा शांता देवी के मकान से लिंक रोड बनाने की योजना है। इसलिए ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान सीमा गौड़ के कहने पर विधवा शांता देवी के मकान पर सबल और गैंती चलाकर मकान को ध्वस्त किया गया है। बताया गया कि इस बावत शांता देवी को किसी ने कोई सूचना नही दी है। यानि न कोई नोटिस, न कोई सर्वेक्षण और न ही प्रशासन की मौजूदगी रही। बल्कि सीधे मकान को ध्वस्त किया गया। अब जबकि विभिन्न संगठनों के भारी दबाव के चलते 16 दिन बाद इस मामले पर प्रशासन सतर्क हुआ और कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ी।
इधर ग्राम प्रधान इस मामले पर चुपी साधे हुई है। मामले को लेकर 17 दिन हो गए है पर पीड़ित शांता देवी को कोई राहत नही मिली है और न ही ग्राम प्रधान अब तक गिरप्तार हुई है। उत्तराखंड भीम आर्मी, उत्तराखंड समता अभियान जैसे संगठन पुलिस की लीपापोती पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि मामला सामने पर है, विधवा शांता देवी का मकान बिना बताए तोड़ा गया मगर घटना को अंजाम देने वालो की अब तक गिरप्तारी नही हुई है। संगठनों ने शक्त लहजे में कहा कि यदि समय रहते इस मामले पर कार्रवाई नही होती तो वे मानवाधिकार आयोग सहित अन्तराष्ट्रीय मंचो पर इस घटनाक्रम को पहुंचाएंगे।
उत्तरकाशी पुलिस का कहना है कि टिपारा गांव की घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। इस मामले को लेकर टिपारा गांव की ग्राम प्रधान सीमा गौड़ पर अनुसूचित जाती व अनुसूचित जन जाति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो चुका है। कानून के जानकारों का कहना है कि यह मामला sc/st कानून तक सीमित नही है। क्योंकि विधवा शांता देवी का मकान बिना किसी सूचना के तोड़ना मानहानि व जानमाल के खतरा जैसे कानून की अन्य धाराओं के दायरे में आने वाली घटना है। यह घटनाक्रम बताता है कि क्या ये लोग विधवा शांता देवी को घर के भीतर घर तोड़कर सपरिवार को मरना चाहते थे। यह मामला ऐसे कई अनसुलझे सवालो को खड़ा कर रहा है।
क्षेत्र के अन्य प्रबुद्ध लोगो का कहना है कि आजकल गांव को मुख्य मार्गो से जोड़ने के लिए संपर्क मोटर मार्ग बनाने का प्रचलन खूब फलफूल रहा है। ऐसे मार्गो के बनने से गांव समाज मे झगड़े भी अधिक बढ़ रहे है। अच्छा हो कि ऐसे मार्गो को बनाने का जिम्मा सम्बंधित विभाग ही ले। ऐसे कार्य ग्राम प्रधान सही तरह से क्रियान्वित नही कर पा रहे है और गांव समाज मे द्वेष पनप रहा है।
ताज्जुब हो कि यहां इस वीडियो में ग्राम प्रधान सीमा गौड़ धमकी देते हुई दिखाई दे रही है। वह कह रही है कि अपने ग्राम पंचायत में हो रहे विकास के कार्यो के लिए वे किसी ग्रामीण की स्वीकृति नही लेगी। अर्थात दंबगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है। जबकि भवन स्वामी विधवा शांता देवी बार बार मजदूर महिलाओ और प्रधान सीमा गौड़ से गुहार लगाती हुई कह रही है कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से यह छोटा सा घर बनाया है, उसे मत तोड़ो।
पीड़ित शांता देवी का दुख यह है कि वे बहुत ही गरीब परिवार से है। वह और उनकी बहू दोनों विधवा है। उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपना घर बनवाया, पर ग्राम प्रधान ने उन्हें बिना सूचना दिए उनका घर तुड़वा दिया। अब वे इस बरसात में कैसे और कहां रह पाएंगे। शांता देवी को सिर्फ व सिर्फ कानून पर विश्वास है कि उन्हें एक दिन न्याय जरूर मिलेगा।
पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्र ने बताया कि यह मामला अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के तहत दर्ज है। वे जल्द ही तहकीकात करके दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे।
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