देहरादून:- पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान कैबिनेट मंत्री के बीच जब विवाद मीडिया की सुर्ख़ियों में आना शुरू हुआ तो चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया तथा सभी लोगो की जुबान पर इसी मुद्दे को लेकर चर्चाएँ होती सुनाई दी। वहीँ कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी जिसमे उन्होंने ट्विटर द्वारा राहुल गाँधी, हरीश रावत तथा स्वम् उनके अकाउंट लॉक्ड करने को लेकर ट्विटर तथा केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
इस बीच जब उनसे रेखा- हरीश रावत विवाद के बारे में पुछा गया तो उन्होंने कहा कि “मैं सोचता हूं, मनोविज्ञान यह है, कि कोई भी मन से उस आदमी को टारगेट करता है जिसे वह भयभीत होता है रेखा आर्या जी भी हरीश रावत से कोई खतरा समझती होगी हरीश रावत तो अपनी खतरे को संभावित रूप से समझते हुए हरीश रावत से खतरा महसूस करती होंगी। जहां तक शब्दावली की बात है तो शब्दावली तो आदमी का परिचय है कि वह किस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करता है उनके पति एक गंभीर धारा के आरोपी हैं तथा हरीश रावत को टारगेट करनी की बजाय अपने पति के मामले पर ध्यान देना चाहिए।
वही आगे बोलते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह के जरिए कार्य करती हैं उनके कार्य को तार-तार करते हुए एक कंपनी को काम दे दिया तो इसका मतलब इस कंपनी से क्या रिश्ता है उनका? क्योंकि यह सब मामले हरीश रावत जी की नजर में है इसलिए उन्हें हरीश रावत से खतरा महसूस होता है इसलिए वह हरीश रावत को टारगेट कर रही हैं।
गणेश गोदियाल द्वारा रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू को बीच में घसीटने पर रेखा आर्य ने कहा की “कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल द्वारा मेरे पति गिरधारी लाल साहू को लेकर अखबार की बयान बाजी के संदर्भ में मेरे पति ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भेजा 5 करोड़ का मानहानि नोटिस व साथ ही माननीय न्यायालय की अवहेलना करने का भी नोटिस दिया।”
आपको बताते चलने की रेखा आर्या के पति पर मुक़दमे न्यायलय में विचाधीन हैं। जबकि धामी सरकार में रेखा आर्या अपने मंत्रिमंडल में सबसे तेज़ तर्रार नेताओं में से एक हैं, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना व मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना जैसी कार्यक्रमों का संचालन रेखा आर्या के कंधों पर ही है।
वहीँ दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को पांच करोड़ का नोटिस भेजा जाना इस विवाद को और अधिक सुलगाने की सम्भावना जता रहा है। पिछले विधानसभा चुनावों में मात्र 11 सीटों पर सिमटी कांग्रेस को 2012 के चुनावों में 32 सीटें प्राप्त हुई थी। वहीँ 57 सीटें हासिल करने वाली भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है तथा 60 पार करने का नारा लगा रही है।
रेखा-रावत का यह विवाद सोशल मीडिया से निकालकर अब न्यायलय की तरफ को रुख कर चूका है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा की धामी सरकार में सेनापति की भूमिका निभा रही रेखा आर्या को कितने समय तक कांग्रेस उलझाकर रख पाती है।