देहरादून:- एक बड़ी खबर आपको बता दें कि जब से पत्रकार उमेश कुमार ख़ानपुर सीट से जीतकर आये हैं तब से क़ई विकास विरोधी ताकतों की नींदें उड़ी हुई हैं वो षड्यंत्र बुनने में लगे हैं औऱ अब खुन्नस में ऐसे लोग हाईकोर्ट का रुख कर रहे हैं।
आज हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले के खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए उमेश कुमार के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की गई। जहाँ याचिकाकर्ताओं भावना पांडे औऱ वीरेंद्र से जब हाईकोर्ट ने तथ्य मांगें तो प्रस्तुत नही कर पाए।
आपको बता दें कि भावना पांडे वही महिला है जिन्होंने पहले तो जनता कैबिनेट पार्टी बनाई औऱ फिर पूर्व सीएम हरीश रावत की चरणवन्दना में जुट गई। नतीजा ये निकला कि लालकुआं में भावना पांडे को गाड़ी में घुमाना हरीश रावत को भी महंगा पड़ गया। यानि कि भावना पांडे के लिए ये कहावत सही बैठी कि हम तो डूबे डूबे सनम ,तुम्हे भी ले डूबे…..
आपको बता दें कि भावना पांडे ने इस याचिका के लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं यहाँ तक कि वकीलों को ही लाखो रूपये फीस दी है।
बता दें कि शुक्रवार को होली अवकाश के बावजूद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए याचिका की अर्जेंट सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पर्याप्त तथ्य कोर्ट में नहीं दे सका. जिस पर कोर्ट ने याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाया है. इन रिकॉर्ड को पेश करने हेतु याचिकाकर्ता ने समय मांगा है. जिस पर हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 23 मार्च की निर्धारित की है ।
मामले के मुताबिक, देवकी कला लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार व जनता कैबिनेट पार्टी की अध्यक्ष भावना पांडे ने खानपुर के विधायक उमेश कुमार के नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छिपाने का आरोप लगाया था याचिका में उमेश कुमार के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन 29 मामलों की सूची देते हुए कहा है कि उमेश कुमार ने केवल 16 मामलों की सूची ही शपथ पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की है इसलिये उन्हें विधायक की शपथ लेने से रोका जाए और चुनाव आयोग को उमेश कुमार के खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया जाए ।
हाईकोर्ट ने इन आरोपों से संबंधित रिकॉर्ड देने को कहा जो आज शुक्रवार को याची नहीं दे सके. जिस पर कोर्ट ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल किया है. याचियों ने ये रिकॉर्ड पेश करने हेतु समय मांगा है. इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है ।
आपको बता दें कि पूर्व में भी सुर्खियों में रहने के लिए भावना पांडे ने उमेश कुमार को लेकर क़ई बार अमर्यादित टिप्पणी की थी । यहाँ तक कि उत्तराखण्ड की एक बेटी ने जब प्यारी पहाड़न रेस्टोरेंट खोला तो भावना पांडे की गुंडई को जनता ने सोशल मीडिया पर खूब देखा। अब एकबार फिर उमेश कुमार की जीत औऱ कोंग्रेस व हरीश रावत की हार से बौखलाई भावना पांडे षडयंत्र में जुट गई है।