टिहरी गढ़वाल:- कोरोना की तीसरी लहर का खतरा जहां सर पर खड़ा है। प्रशासन लगातार सावधानी बरतने के लिए कह रहा है। बच्चों को लेकर अभिभावक परेशान है। वहीं दूसरी और नियमों को ताक पर रख बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे है।
ऐसा ही मामला विकासखंड भिलंगना के प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है। यहां कोरोना नियमों एवं शासन-प्रशासन के नियमों को ताक पर रखकर जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। न कोई मास्क पहने नजर आया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है।
आपको बता दें कि राज्य में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का आदेश हुआ है। उसके बावजूद विकासखंड भिलंगना के प्राथमिक विद्यालय में छोटे बच्चों को स्कूल बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि सीआरसी केंद्र बिनयखाल में बेसिक स्कूल के बच्चों की नवोदय परीक्षा की तैयारी चल रही है। ऐसे मे स्कूल प्रशासन द्वारा कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए देखा गया है। यहां ना तो किसी बच्चों के द्वारा मास्क पहना गया है और ना ही अध्यापक के द्वारा मास्क लगाया गया है।
जहां पूरे देश वह प्रदेशों में प्राथमिक विद्यालय बंद है वही विकासखंड भिलंगना के बिनयखाल बासर क्षेत्र में 11 अगस्त को नवोदय परीक्षा होने के कारण बच्चों को ओएमआर शीट किस तरह भरनी है इसका अभ्यास कराया जा रहा है। जब सीआरसी भट्ट से आदेश की लिखित कॉपी मांगी तो उन्होंने अजब ही जवाब दिया।
सीआरसी भट्ट ने बताया कि उप शिक्षा अधिकारी भिलंगना के द्वारा उन्हे मौखिक आदेश दिए गए हैं जिसका पालन किया जा रहा है। वहीं शिक्षक संघ के अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि, उप शिक्षा अधिकारी भिलंगना भुनेश्वर जगली द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से यह मौखिक आदेश दिया गया है । जिस कारण सीआरसी सेंटरों में यह तैयारी चल रही है।
गौरतलब है कि नवोदया परिक्षा कक्षा 6 से होती है। ऐसे में बिना शासन आदेश के छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने पर सवाल उठाए जा रहे है। वो भी कोविड नियमों को ताक पर रख कर।
वही जब इस मामले में हमारे द्वारा बीईओ भिलंगना को दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसा कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है मेरे द्वारा सिर्फ मौखिक बोला गया है यह सब अभिभावकों की रजामंदी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि आखिर बच्चों का भविष्य का भी सवाल है। जब हमारे द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी हो रहा है अगर नहीं हो रहा है तो हम दोबारा से सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने को कहेंगे।
आखिर आप इस फोटो से अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों ने न तो मास्क पहना है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। आखिर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहाा है जबकि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित बताई जा रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शासन-प्रशासन उक्त बात का संज्ञान लेता है।