देहरादून:- राजधानी में डेंगू की जांच में जिला प्रशासन ने बड़ा खेल पकड़ा है। तमाम पैथोलॉजी लैब व अस्पताल डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट्स को असमान्य रूप से घटाने का काम कर रहे हैं। कम प्लेटलेट्स वाले मरीजों की जांच जब एनएबीएल प्रमाणित लैब से कराई गई तो प्लेटलेट्स अधिक पाई गई। इसे गंभीर अनियमितता और मरीजों समेत तीमारदारों को आतंकित करने वाला कृत्य बताते हुए ऐसे सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है।
आपको बता दें कि जिलाधिकारी सोनिका द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि डेंगू मरीजों के उपचार एवं जांच में लापरवाई पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही जनपद में अवस्थित लैब्स एवं चिकित्सालयों का जिला स्तरीय टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी के निर्देेशों के क्रम में जिला स्तरीय टीम द्वारा सविता गोयल पैथोलॉजी लैब, पेनिसिया हॉस्पिटल, सिनर्जी अस्पताल, कैलाश चिकित्सालय आदि की जांच की गई। यहां विभिन्न अनियमितता पाए जाने के चलते मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से संबंधित चिकित्सा अधीक्षकों/प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
इस तरह चल रहा प्लेटलेट्स घटाने का खेल
सविता गोयल पैथोलॉजी लैब
जिला स्तरीय टीम ने पाया कि सविता गोयल पैथोलॉजी लैब द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज (बेबी सनाया, 06 वर्ष) की 51,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिर्पाेट दी गई थी, लेकिन NABL लैब से क्रास चेक करने पर प्लेटलेट्स काउंट 2.73 लाख पाया गया।
पैनिशिया अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब
पैनिशिया अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब में भी प्लेटलेट्स काउंट का क्रास चैक किया गया। चिकित्सालय की पैथोलॉजी लैब द्वारा डेंगू के एक भर्ती मरीज (अभिजीत) की 10,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिर्पाेट दी गई थी, लेकिन सरकारी लैब से क्रास चेक करने पर प्लेटलेट्स 32,000 पाई गई।
सिनर्जी अस्पताल
सिनर्जी अस्पताल, चिकित्सालय की पैथोलॉजी लैब द्वारा डेंगू के एक भर्ती मरीज (अजय कुमार) की 19,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिर्पाेट दी गई थी और इसे सरकारी लैब से क्रास चेक करने पर प्लेटलेट्स 30,000 पाई गई।
कैलाश अस्पताल
कैलाश अस्पताल, एवं पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स काउंट का क्रास चेक करने पर यहां भी गड़बड़ी पाई गई। चिकित्सालय की पैथोलॉजी द्वारा डेंगू के एक भर्ती मरीज (भगत सिंह) की 14,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी, जबकि सरकारी लैब से क्रास चैक करने पर प्लेटलेट्स 80,000 पाई गई।
गलत रिपोर्ट मरीज-तीमारदारों में पैदा कर रही भय की स्थिति
टीम ने निरीक्षण व जांच में पाया कि लैब्स रिपोर्ट में गड़बड़ी और प्लेटलेट्स घटने की स्थिति से मरीज व तीमारदार भय की स्थिति में पहुंच रहे हैं। इसे डेंगू के उपचार में गंभीरता न बरतना माना गया है। लिहाजा, उक्त सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को तीन दिवस के भीतर नोटिस का लिखित प्रतिउत्तर साक्ष्यों सहित उपलब्ध कराने को कहा गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है की समय के भीतर संतोषजनक प्रतिउत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में Epidemic Diseases Act 1897 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।