ब्रेकिंग:- अतिक्रमण के नाम पर राज्य का मूल अस्तित्व समाप्त न किया जाए, पहाडियों को मिले मालिकाना हक: भीमलाल आर्य

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल ब्रेकिंग न्यूज

घनसाली:- उत्तराखण्ड में न्यायालय द्वारा सड़को पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश पर जिस तरह से समूचे उत्तराखंड सहित घनसाली में बिना नोटिस व बिना समय दिये तोड़-फोड़ कर दो जून की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे स्थानीय निवासियों व व्यापारियों को शासन व प्रशासन की मार झेलनी पड़ी उससे व्यापारियों, स्थानीय नागरिकों व सामाजिक संगठनो में भारी आक्रोश व्यापत है।
वहीं निरंतर जन सेवा के कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले व अपने पत्राचार के माध्यम से सरकार तक आम जनता की बात पहुचाने वाले घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य भी अतिक्रमण की कार्यवाही से पीड़ित व्यापारी भाइयों के समर्थन में लगातार उच्च स्तर तक पत्राचार कर रहे है। पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के हिटलर शाही अमानवीय अवैधानिक अव्यवस्था के तरीके के लिए स्थानीय व्यापारियों व नागरिको को एकजुट होकर घनसाली को बचाने का आह्वान किया।

इसी क्रम में पूर्व विधायक घनसाली आर्य ने अतिक्रमण के नाम पर राज्य का मूल अस्तित्व समाप्त न किया जाए, पहाडियों को मिले मालिकाना हक के संबंध मे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा।
भीमलाल आर्य ने लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, सादर अभिवादन !

उपरोक्त विषयक अवगत कराते हुए सादर निवेदन है कि सीमान्त विधान सभा क्षेत्र- घनसाली (टिहरी गढ़वाल) के कोटी फैगुल, भिलंग, नैलचामी, म्यारगांव, हिन्दाव, थाती कटूड, बासर, केमर, गोनगढ़, आरगढ़ क्षेत्रों के छोटे- छोटे बाजारों। वसावटों को प्रशासन, लोक निर्माण विभाग व वन विभाग द्वारा अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त किया जा रहा है, जिससे जनता / व्यापारियों में अयवाह स्थिति पैदा हो गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी, इस अमानवीय, अन्याय प्रिय कार्यवाही से राज्य के समूचे पहाडी क्षेत्र की जनता / व्यापारी हतप्रभु है हम पहाडियों ने पहाड़ जैसे कष्टमय, श्रमसाध्य जीवन व्यतीत कर अपनी वर्षों वर्षों की पूंजी से अपने आशियानें व छोटे-छोटे बाजार विकसित किये और आज अतिक्रमण के नाम पर हम पहाडियों के साथ अन्याय किया जा रहा है, आप विज्ञ हैं कि राज्य के समूचे पहाड़ी क्षेत्र में बसावटें सिविल व रिजर्व भूमि पर अवस्थित है। अतिक्रमण के नाम पर की जा रही कार्यवाही से पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन जैसी गंभीर समस्या विकराल रूप धारण करेगी और उत्तराखण्ड राज्य का मूल अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा, सरकार को चाहिए की हम पहाड़ियों को हमारा मूल अधिकार मालिकाना हक दिया जाय। अतः माननीय मुख्यमंत्री जी, राज्यहित में उपरोक्तानुसार त्वरित निर्णायक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
आपको बता दें कि घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य जनहित के कार्यों में हमेशा आगे रहते है और समय-समय पर अपने पत्राचार के माध्यम से सरकार को जगाने का काम करते रहते है।