टिहरी गढ़वाल:- फर्जी बीमा कर लोगों के पैसे हड़पने वाले दोषी को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। ये फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने दिया है। रविश उनियाल को बीमों के नाम पर धोखाधड़ी करने का दोषी पाया गया है। रविश उनियाल पर कोर्ट ने 70 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सहायक अभियोजन अधिकारी अजय रावत ने बताया कि थाना नई टिहरी में 24 अप्रैल 2015 को राजेंद्र सिंह ने तहरीर दी थी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने ढुंगीधार नई टिहरी निवासी रविश उनियाल पुत्र स्व. एच उनियाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जांच के बाद पुलिस ने 11 जुलाई, 2016 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
तहरीर में पीड़ित ने बताया कि रविश दि न्यू इंडिया इंश्यारेंस कंपनी का एजेंट था। उसने बीमा कंपनी के निबंधनों व शर्तों के तहत काम न कर गलत तरीके से फर्जी बीमा कर उसके पैसे खुद हड़प लिए थे। रविश उनियाल ने कंपनी की फर्जी सील व मोहर बनाकर यह काम किया। ऐसे ही उसने कई लोगों को चूना लगाया है। वकीलों के पेश सबूतों और 20 गवाहों की जिरह के बाद न्यायधीश अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी रविश उनियाल को दोषी पाते हुए अधिकतम 7 साल कठोर कारावास व 70 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास काटना होगा।