ब्रेकिंग:- शहर में विकराल होती कूड़े की समस्या पर पूर्व विधायक ने दिया स्थानीय युवाओं को अपना समर्थन।

उत्तरकाशी उत्तराखंड देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

उत्तरकाशी:- जनपद के उत्तरकाशी शहर में कुडे़ की समस्या को लेकर चल रहे धरने का समर्थन पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने किया है, उन्होंने कहा सरकार व प्रशासन के ढीले रवैये से डंपिंग जोन पर संशय बना है, आखिर कब होगा कूड़े का सफल निस्तारण। उन्होंने शासन प्रशासन को आगाह किया कि जनहित के दृष्टिगट यदि जल्द से जल्द इस प्रमुख समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो मुझे मजबूरन स्थानीय युवाओं व आम जनमानस के साथ धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि कूड़ा प्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार का “स्वच्छ भारत मिशन” हो या फिर एनजीटी और कोर्ट के आदेश, मां गंगा के उद्गम उत्तरकाशी जनपद में सभी निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं। जिला मुख्यालय बाड़ाहाट उत्तरकाशी में वैज्ञानिक ढंग से कचरे का निस्तारण तो दूर कूड़ा डंपिंग के लिए जमीन तक नहीं तलाशी जा सकी है, यही कारण है कि नगर का सारा कूड़ा तांबाखानी सुरंग के मुहाने पर गंगा भागीरथी से लगे गंगोत्री हाईवे पर डंप किया जा रहा है। चारधाम यात्रा, कावड़ यात्रा और अब बरसात मे समस्या और विकराल हो गई है।

इस प्रमुख समस्या पर अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तहत हमने पिछले वर्ष ही सरकार व प्रशासन को जगाने का प्रयास किया था लेकिन सत्ता के मद मे चूर सरकार व प्रशासन ने इस और आँखें मुंदे रखी है।
सरकारी उपेक्षा के कारण शहर के बीच स्थित कूड़े के ढेर की वजह से गर्मी व बरसात में एक ओर महामारी को न्योता दिया जा रहा है। कूड़े को रिसाइकिल करने का काम कर रही “जीरो वेस्ट कम्पनी” भी सवालों के घेरे मे है , जिसे महीने के लाखों रु० मिलने के बावजूद कूड़े का सफल निस्तारण नहीं किया जा रहा है।

आज एक बार फिर यहाँ के स्थानीय युवा इस कूड़े के स्थायी निराकरण की मांग को लेकर आमरण अनशन पर डटे है लेकिन विडंबना देखिये कि सरकार इस नगर हित की जायज मांग पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रही है।
ताम्बाखानी के पास जमा कूड़े के सफल निस्तारण के लिए युवाओं द्वारा दिये जा रहे धरने से मैं अपने आपको सम्बद्ध कर अपना बतौर समर्थन देते हुए शासन प्रशासन व सरकार को आगाह करना चाहता हूँ कि यदि जल्द से जल्द इस मसले पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो मुझे भी मजबूरन इन युवाओं और आमजनमानस के साथ धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।