ब्रेकिंग:- घनसाली विधानसभा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने की बैठक, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल देहरादून ब्रेकिंग न्यूज

रिपोर्ट:-दीपक श्रीयाल ,घनसाली

घनसाली:- भिलंगना प्रखंड के एक मात्र प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी के उच्चीकरण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर के बाहर बैठक कर सरकार व स्वस्थ्य विभाग से शीघ्र ही चिकत्सालय को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने कि मांग की है ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

आपको बता दें कि विकासखंड भिलंगना के पिलखी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र का एक मात्र अस्पताल है जहा पर मरीजों की रात दिन भीड़ लगी रहती है जहा पर क्षेत्र के दूरदराज के लोगो को समय पर सही उपचार मिलता रहता है।कहने को तो ये सरकारी अस्पताल है लेकिन यहां पर प्रति दिन 200 से 300 तक मरीजों का इलाज समय पर किया जाता है। सबसे अधिक सुविधा तो ग्रामीण क्षेत्र से आई गर्भवती महिलाओं को मिलती है लेकिन अस्पताल परिसर कम होने के कारण लोगों को कई असुविधाएं झेलनी पड़ती है। क्षेत्र की लगातार बढ़ती आबादी को देखते हुए लोगो ने तीन वर्ष पूर्व क्षेत्रीय विधायक की मदद से सरकार और स्वास्थ्य विभाग को पिलखी स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण कर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने की मांग की थी जिससे दुरस्त क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य लाभ लेने में सुविधा मिल सके। जिसके लिए पिलखी के ग्रामीणों ने जगह-जगह से चंदा इकट्ठा कर अस्पताल निर्माण के लिए 9 नाली कृषि भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम पंजीकृत कर दिया था। लेकिन आज जमीन को दिए तीन वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सरकार व स्वास्थ्य महकमे के द्वारा ग्रामीणों कि मांग पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो सकी तो बीते रविवार को पिलखी के ग्रामीणों ने बीडीसी सदस्य कृष्णा गैरोला के नेतृत्व में अस्पताल परिसर के बाहर एक बैठक कर अपनी नाराजगी जहीर की। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल के निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 9 नाली जमीन मांगी गई थी जिसे ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर उस जमीन को लोगों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के नाम तीन वर्ष पूर्व रजिस्ट्री कर दी थी। लेकिन अभी तक इस और कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि इस मामले में वह कई बार क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह के पास व मुख्यमंत्री तक के चक्कर काट चुके है लेकिन ग्रामीणों कि समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में विभाग के प्रति भारी आक्रोश है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही इस और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो पिलखी के ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
बैठक में हीरामणि बिजल्वाण , बबीता देवी, जुपल राम, देव सिंह, चंद्रमोहन आदि लोग मौजूद थे।