रुद्रप्रयाग/केदारनाथ:- कांग्रेस पार्टी केदारनाथ में बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव का इतिहास नहीं दोहरा सकी। पांच हजार से अधिक अंतर से भाजपा केदारनाथ उपचुनाव जीत गयी। बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव की हार के बाद केदारनाथ की जीत भाजपा को संजीवनी भी दे गई। निर्दलीय त्रिभुवन ने लगभग 10 हजार मत बटोर शानदार मौजूदगी दर्ज कराई।
कुल 14 राउंड की गिनती के बाद भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने पाँच हजार मतों से उपचुनाव जीता। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत की हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। उपचुनाव में छह प्रत्याशी शिरकत कर रहे थे।
आशा नौटियाल ने पहले राउंड से ही बढ़त बना ली थी। लगभग छह राउंड तक निर्दलीय चौहान भी मजबूती से वोट लेते दिखाई दिए। इसके बाद मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच सिमट कर गय्या।
इस उपचुनाव के परिणाम के बाद जहां सीएम धामी ,संगठन अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व अन्य नेताओं के नम्बर बढ़े वहीं कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाज़ी सामने आई। दो उपचुनाव में हार के बाद केदारनाथ उपचुनाव सीएम धामी के साथ पीएम मोदी के लिए भी प्रतिष्ठा का चुनाव माना जा रहा था। सीएम धामी व संगठन की कई महीनों की मेहनत के बाद केदारनाथ उपचुनाव का परिणाम अनुकूल आया।
सीएम धामी ने उपचुनाव से पहले केदारनाथ क्षेत्र के लिए करोड़ों की विकास घोषणाएं की थी। यही नहीं, पांच जनसभाओं के अलावा दो रैली के जरिये भाजपा के लिए वोट मांगे। हालांकि, भाजपा के पूर्व सीएम,कई मंत्री, विधायक व अन्य नेता भी केदारनाथ क्षेत्र में प्रचार करते देखे गए। मोदी की प्रतिष्ठा से जुड़े केदारनाथ धाम की यह जीत भाजपा कैम्प के लिए सुकून भरी मानी जा रही है।
कांग्रेस नेता हरीश रावत व गणेश गोदियाल ने मनोज रावत को प्रत्याशी बनाने के लिए हाईकमान को विशेष रूप से समझाया था। हालांकि, करण माहरा की पसंद हरक सिंह रावत बताए जा रहे थे। लेकिन पूर्व विधायक मनोज रावत पर ही कांग्रेस ने दांव खेला।इस उपचुनाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज गांव गांव घूमे। केदारनाथ धाम से जुड़े सवालों पर भाजपा को घेरा। सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी चस्पा किया। नेता एकजुट भी दिखे। हार के बाद कांग्रेस खेमा निर्दलीय त्रिभुवन को भाजपा की जीत की मुख्य वजह करार दे रहा है।